सर्राफा बाजार में भीड़ देखो सरकार, 100 में से 60 लोग गुजारे के लिए बेच रहे जेवर
इंदौर समेत प्रदेश के सर्राफा बाजार में आ रहे 100 लोगों में से 60 व्यक्ति ऐसे हैं जो जेवरात बेचने के लिए बाजार का रुख कर रहे हैं।
Ashok Chaturvedi
इंदौर के सर्राफा बाजार में उमड़ी भीड़, फोटो-newspiyush.com से साभार
इंदौर (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में 16 जूल से अनलाॅक- 2 के बाद बाजारों में चहल पहल दिखाई देने लगी है। सर्राफा बाजार भी इससे अछूता नहीं लेकिन अफसोस की बात यह है कि यहां 100 में 60 लोग अपने गुजारे के लिए जेवर बेचने आ रहे हैं। कोरोनाकाल में लंबे लाॅकडाउन और नौकरियों के चले जाने से इन लोगों की जमा पूंजी पहले ही खर्च हो चुकी है।
इंदौर समेत प्रदेश के अन्य सर्राफा बाजारों में पहुंचे लोगों की मजबूरी को सर्राफा एसोसिएशन के पदाधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं। इंदौर चांदी-सोना जवाहरात व्यापारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों के मुताबिक स्थानीय सर्राफा बाजार में सोमवार से कारोबार बहाल हुआ है लेकिन अभी यहाँ आ रहे 100 लोगों में से 60 व्यक्ति ऐसे हैं जो जेवरात बेचने के लिए बाजार का रुख कर रहे हैं।
इनमे से अधिकांश लोग मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग से ताल्लुक रखते हैं। इनमें से कई लोग कोविड-19 के इलाज में जमा-पूंजी खर्च हो जाने, लॉकडाउन के दौरान नौकरी छूट जाने या वेतन घटाए जाने के बाद आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं।
देश की आर्थिक स्थिति तो कोरोना से पहले ही संकट में थी। अब कोरोना ने हाल और खराब कर दिए हैं। ऐसे में गुजर बसर के लिए जमा पूंजी खर्च करने के बाद जेवर तक बेचे जाने को लेकर लोगों का केंद्र सरकार पर गुस्सा निकल रहा है-
सर्राफा बाजार में आ रही भीड़ इस बात को भी साबित करती है कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाएं लोगों को राहत देने में नाकाम रहीं हैं। कोरोना संकट ने लोगों की जिंदगी को पटरी से उतार दिया है और उन्हें आर्थिक मदद की आवश्यकता है।
हाल एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना काल में करीब 3.5 करोड़ पीएफ खाताधारकों ने अपने खातों से पैसे निकाले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक पीएफ खातों से 3.5 करोड़ खाताधारकों ने कुल मिलाकर करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं। वहीं सीएमआईई के एक ताजा अध्ययन के मुताबिक केवल अप्रैल में ही 75 लाख लोगों की नौकरी चली गई और पिछले चार महीनों में बेरोजगारी की दर सबसे ऊंची है।