मध्यप्रदेश के एस्सार पाॅवर प्लांट को मरे के भाव खरीदेंगे अडानी!

मध्यप्रदेश के सिंगरौली में स्थित एस्सार पाॅवर प्लांट के लिए अडानी समूह ने दिवालिया कानून के तहत 26 सौ करोड़ का ऑफर दिया है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश के सिंगरौली में स्थित एस्सार पाॅवर प्लांट को अडानी समूह टेकओवर कर सकता है। अडानी यह डील दिवालिया कानून यानी इनसाॅल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) के नियमों के तहत करने जा रहे हैं। अडानी ने दिवालिया कानून के तहत 26 सौ करोड़ का ऑफर दिया है जिसे बहुत कम बताया जा रहा है।

अडानी की यह बोली ऐसे समय आई है जब बैंकरप्सी कोड के तहत आखिरी तारीख काफी करीब है। बैंकरप्सी के तहत दिवालिया कार्रवाई की आखिरी तारीख 25 मार्च है। अडानी बीते सप्ताह सिंगरौली पहुंचे थे और उन्होंने एस्सार पाॅवर प्लांट का दौरा भी किया था। इस दौरे को एस्सार पाॅवर प्लांट की डील से ही जोड़ कर देखा जा रहा था।

अडानी के साथ एस्सार पाॅवर प्लांट को खरीदने के साथ वेदांता ग्रुप भी रेस में हैं। हालांकि अडानी द्वारा दिए गए ऑफर को जानकार बेहद कम बता रहे हैं। यहां तक कि इसे नाॅन सीरियस ऑफर तक कहा जा रहा है।

बताया जा रहा है कि एस्सार पाॅवर की ओर से अडानी ग्रुप से बात जारी है। एस्सार करीब अडानी के ऑफर से 400 करोड़ रुपए और ज्यादा चाहता है।


गौरतलब है कि आईसीआईसीआई बैंक ने मध्यप्रदेश के एस्सार पाॅवर के खिलाफ दिवालिया कानून के तहत कार्रवाई करने का आवेदन दिया था। यह आवेदन बीते साल दिया गया है। बैंक के मुताबिक एस्सार 13 सौ करोड़ के लोन को लेकर डिफाल्टर हो चुकी है।

बैंक ने इस लोन को लेकर नेहसनल कंपनी लाॅ टिब्यूनल में केस दायर किया है। एनसीएलटी ने जेट एयरवेज के प्रशासक आशीष छाछरिया को अधिकार देते हुए अक्टूबर में दिवालिया कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।

मध्यप्रदेश का एस्सार पाॅवर एक समय में एस्सार स्टील को सबसे बड़ा पाॅवर सप्लायर होने के साथ देश की सबसे बड़ी थर्मल पाॅवर कंपनियों में एक था। अब यह आर्थिक संकट में है। एस्सार पाॅवर के पास मध्यप्रदेश के सिंगरौली में दो पाॅवर प्लांट का संचालन और स्वामित्व है। दोनों की कुल क्षमता 12 सौ मेगावाट है।

एस्सार पाॅवर इस उत्पादन का करीब 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा प्रदेश के स्वामित्व वाली बिजली कंपनियों को पाॅवर परचेस एग्रीमेंट के तहत बेचता है। आर्सेलर मित्तल के साथ डील के बाद इस एग्रीमेंट को टर्मिनेट कर दिया गया है।

एस्सार पाॅवर के वित्तीय संकट में आने का कारण कोल ब्लाॅक आवंटन का रद्द होना बताया जा रहा है। इन कोल ब्लाॅक से एस्सार पाॅवर से लिंक थे। एस्सार ग्रुप ने यहां करीब तीन हजार करोड़ का निवेश किया है। एस्सार की प्रमोटर रूरिया फैमिली ने कम से कम दो बार कंपनी के लोन को लेकर बैंक कंर्सोटियम से समझौता चाहा लेकिन दोनों ही बार सफलता नहीं मिली।

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