कोरोना बेकाबू : भोपाल में बनाए गए 51 कंटेनमेंट जोन, प्रशासन ने जारी किए निर्देश

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही। वहीं राजधानी भोपाल में लगातार दो दिनों से 500 से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए प्रशासन ने लॉकडाउन के साथ ही कंटेनमेंट जोन बनाने का काम भी तेजी से शुरू कर दिया है। भोपाल में कोरोना केस को देखते हुए सिर्फ छह दिनों में ही कंटेनमेंट जोन 20 से बढ़ाकर 51 करने पड़ गए। सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन बैरसिया थाना क्षेत्र में बनाए गए हैं।

कंटेनमेंट जोन के घरों को एपिसेंटर घोषित करते हुए इनसे व्यावहारिक दूरी के क्षेत्रों को कंटेनमेंट एरिया घोषित किया गया है। कंटेनमेंट एरिया के लिए सरकार ने निर्देश भी जारी किए हैं।

  1. कंटेनमेंट एरिया के अंतर्गत पूर्ण रूप से आवागमन प्रतिबंधित रहेगा।
  2. कंटेनमेंट एरिया के समस्त निवासीयों को होम क्वारंटाइन में रहना होगा।
  3. कंटेनमेंट एरिया को पेरीमीटर कंट्रोल किया जाना होगा जिसके अंतर्गत आवश्यक सुविधाओं के अतिरिक्त किसी भी प्रकार से लोगों को बाहर जाना प्रतिबंधित रहेगा।
  4. उक्त क्षेत्र में एक्जिट पाईंट पर स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा स्क्रीनिंग की जाएगी।
  5. समस्त कार्यकर्ता पीपीई प्रोटोकॉल का पालन करना सुनिश्चित करेंगे।
  6. नगर निगम के जोनल अधिकारी द्वारा क्षेत्र का सेनेटाईजेशन किया जाएगा।

प्रदेश में कोरोना

मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार 10.5 फीसदी पहुंच गई है। चार बडे़ शहरों की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 13 शहरों में संडे लॉकडाउन है। इनमें भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, रतलाम, खरगोन, उज्जैन, ग्वालियर, नरसिंहपुर, रीवा के साथ छिंदवाड़ा जिले के सौंसर में लॉकडाउन लगा हुआ है। इस रविवार को नीचम में भी एक दिन का संडे लॉकडाउन रहेगा। प्रदेश में बीते दिन 2777 मामले सामने आए, प्रदेश में अब तक 30 लाख मरीज़ संक्रमित हो चुके हैं।

संडे लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू भी फेल साबित हो रहे हैं। 24 घंटे में इंदौर में सबसे ज्यादा 708 और भोपाल में 502 केस सामने आए हैं। भोपाल में संक्रमण दर 20.08 फीसदी है। शुक्रवार को जबलपुर में भी 200 के पार मरीज मिले, जो 18 सितंबर 2020 के बाद ज्यादा हैं। ग्वालियर में 120 पॉजिटिव मिले हैं।

प्रदेश में जितने केस इस साल जनवरी और फरवरी मे मिलाकर नहीं आए, उससे ज्यादा मार्च में बढ़ गए। इन दोनों महीनों में 20 हजार से कम केस थे। मार्च में लगभग 34 हजार केस हो गए। अप्रैल माह के 2 दिन में ही 5 हजार से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं।

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