बाढ़ में बही गृहस्थी: तीन दिन से भूखे लोग, न अफसर पहंचे न सरकारी मदद
कई इलाकों में लोगों का राशन, कपड़े, घर गृहस्थी सब बाढ़ बहा ले गई। कई प्रभावित ऐसे भी हैं जो तीन दिन से भूखे पेट हैं।
Ashok Chaturvedi
सड़कों पर गुजर करते बाढ़ प्रभावित लोग ( फोटो- दैनिक भास्कर)
ग्वालियर (जोशहोश डेस्क) अति बारिश के बाद अब ग्वालियर चम्बल अंचल में बाढ़ का पानी उतरने लगा है। बाढ़ प्रभावित इलाकों से पलायन कर गए लोग वापस घर तो लौटने लगे हैं लेकिन न तो उन तक प्रशासन के अफसर पहुंचे और न ही सरकारी मदद। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है।
बाढ़ से प्रभावित मोहना, सेंवढ़ा और पढारखेडा के जमीनी हालात पर दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक हजारों लोग घर तो लौटे हैं लेकिन घर के नाम पर क्षतिग्रस्त दीवारें ही रह गई हैं। तीन दिन से खाली पेट इन लोगों के बर्बाद हो चुके घर में राशन और कपड़े तक नहीं बचे। बड़ी बात यह है कि इन तक न तो प्रशासन के अधिकारी ही पहुँच पाए हैं और न ही किसी तरह की सरकारी मदद।
पाढरखेडा के खेतों में पानी ही पानी ही दिखाई दे रहा है। किसानों की फसल बाढ़ ने पूरी तरह चौपट कर दी है। अब किसान के पास न रहने लायक घर है न खाने को अन्न। वहीं फसल से जो उम्मीद थी वह भी बाढ़ में डूब गई।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी बाढ़ से प्रभावितों की बदहाली पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। कमलनाथ ने ट्वीट किया कि प्रभावितों का खाने पीने गृहस्थी का सामान बाढ़ में बह चुका है। कई घरों में कई दिनों से चूल्हा नहीं जला है। सरकार को इन लोगों की जरूरतों को तत्काल पूरा करे।
इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी जिलों के बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया था। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों से मिलकर नुकसान का जायजा लिया था और प्रभावितों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया था। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 7 अगस्त को प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे।