नियुक्ति से पहले मुक्ति: बताओ सरकार, कितने चयनित शिक्षकों की जान लेगा नौकरी का इंतजार?
चयनित शिक्षकों के लिए जानलेवा साबित होता हो रहा नियुक्ति का इंतजार।
Ashok Chaturvedi
खरगोन के चयनित शिक्षक राकेश पाटीदार
भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में 30 हजार से ज्यादा चयनित शिक्षकों के लिए नियुक्ति का इंतजार जानलेवा साबित होता होता जा रहा है। तीन साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे चयनित शिक्षक हताशा में अब आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं। बुधवार को खरगोन के चयनित शिक्षक राकेश पाटीदार ने जहर खाकर अपनी जान दे दी। इसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि आखिर और कितनी जान गंवाने के बाद चयनित शिक्षकों की नियुक्ति का इंतजार पूरा होगा?
खरगोन के चयनित शिक्षक राकेश पाटीदार के साथियों के मुताबिक नियुक्ति के इंतजार में राकेश डिप्रेशन में आ गए थे।उन्होंने मंगलवार को अपने आठ साल के बेटे के साथ जहर पी लिया था। अचेत अवस्था में पाए जाने के बाद दोनों को अस्पताल ले जाया गया था जहां राकेश ने दम तोड़ दिया था वहीं उनके बेटे को गंभीर अवस्था में इंदौर रैफर किया गया है।
चयनित शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के मुताबिक नियुक्ति के इंतजार में यह 75 वे चयनित शिक्षक की मौत है। चयनित शिक्षक भूतेष चंद्रा ने राकेश पाटीदार की मौत के बाद सवाल उठाया कि नियुक्ति के लिए और कितनी कुर्बानी देना होंगी? अब चयनित शिक्षकों के पास कोई आस नहीं बची है-
चयनित शिक्षक राकेश पाटीदार बेहद प्रतिभाशाली थे। राकेश ने कृषि संकाय से एमएसी किया था और पीईबी की परीक्षा में उनकी ओवरऑल 64 वी रैंक थी। गेस्ट फैकल्टी कोटे में राकेश पांचवी रैंक पर थे। राकेश पाटीदार की आत्महत्या के बाद चयनित शिक्षकों का आक्रोश भी सोशल मीडिया पर दिखाई दे रहा है-
वहीं कांग्रेस ने चयनित शिक्षकों को नियुक्ति न मिलने के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताया है। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने तो राकेश पाटीदार की मौत के बाद अप्रत्यक्ष रूप से ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी निशाने पर लिया-
चयनित शिक्षकों ने बीते महीने राजधानी भोपाल में भी प्रदर्शन कर नियुक्ति की मांग की थी। बड़ी संख्या में चयनित शिक्षिकाएं 18 अगस्त को पूजा की थाली और राखी साथ लेकर भोपाल पहुंची थीं। चयनित शिक्षिकाएं मुख्यमंत्री शिवराज को राखी बांधकर उपहार स्वरूप तीन साल से लंबित नियुक्ति पत्र की मांग कर रही थीं लेकिन पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक प्रदर्शन से रोक दिया था और प्रकरण दर्ज करने की धमकी भी दी थी।
गौरतलब कि मध्यप्रदेश में 2018 में शिक्षक भर्ती का विज्ञापन निकला था। शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग 1 और वर्ग 2 की परीक्षा ली गई थी। इसमें करीब 33000 शिक्षक चयनित हुए हैं। लगभग तीन साल होने के बाद भी अब तक चयनित शिक्षक अपनी नियुक्ति की राह देख रहे हैं।नियुक्तियां के लिए तीसरी बार वेरिफिकेशन की प्रक्रिया 7 जून से प्रारम्भ हुई है। इससे पहले शिक्षक पात्रता परीक्षा में चयनित शिक्षकों का वेरिफिकेशन दो बार टल चुका है। चयनित शिक्षक जल्द नियुक्ति के लिए प्रदर्शन कर चुके हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी नियुक्ति के लिए लगातार अभियान चलाए हुए हैं।