चुनाव आयोग निर्बल-सत्ता का नंगा नाच, क्या ये लोकतंत्र है?
भोपाल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में प्रशासन के दुरुपयोग के गंभीर आरोप, राज्य निर्वाचन आयोग से चुनाव निरस्त करने की मांग
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) राजधानी भोपाल में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में प्रशासन के दुरुपयोग के गंभीर आरोपों के बाद भाजपा ने जीत दर्ज़ कर ली। जिला पंचायत कार्यालय पर करीब 4 घंटे तक जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने धनबल और प्रशासन के दुरुपयोग का आरोप लगा चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज़ कराई है। साथ ही पूरे घटनाक्रम को लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताया है।
भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी द्वारा क्रॉस वोटिंग कीआशंका शुरू से ही जताई जा रही थी और हुआ भी यही। मंत्री भूपेंद्र सिंह, विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा और विष्णु खत्री अपनी गाड़ी में सदस्यों को लेकर जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस नेता नवरंग गुर्जर की पत्नी रामकुंवर गुर्जर, बिजिया राजौरिया और चंद्रेश राजपूत भी थे।
मंत्री भूपेंद्र सिंह जब कुछ सदस्यों को अपनी गाड़ी में साथ लेकर पहुंचे तो राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी और अन्य नेता उनकी गाड़ी के सामने आ गए। इसी बीच विधायक रामेश्वर शर्मा सदस्यों को लेकर अंदर चले गए। मंत्री और विधायकों के अंदर जाने पर भी कांग्रेस ने आपत्ति ली और इस दौरान कांग्रेस नेताओं के साथ पुलिस की जमकर धक्का मुक्की हुई लेकिन प्रशासन ने कांग्रेस नेताओं की एक न सुनी।
तय पटकथा के मुताबिक़ बीजेपी ने रामकुंवर गुर्जर को अध्यक्ष का कैंडिडेट घोषित किया। कांग्रेस ने अवनीश भार्गव की पत्नी रश्मि भार्गव को मैदान में उतारा। दोपहर करीब ढाई बजे अध्यक्ष की कुर्सी पर बीजेपी के साथ आईं रामकुंवर गुर्जर ने कब्जा जमा लिया।
पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने कलेक्टर और एसीपी को भाड़े का हत्यारा बताया। कांग्रेस कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा-लोकतंत्र की हत्या करने के लिए तैनात भाड़े के हत्यारे यानी कलेक्टर और एससीपी (भोपाल) इतनी मशक्कत से तो बेहतर होगा कि भाजपा को निर्विरोध ही घोषित कर दीजिए।
दूसरी ओर भाजपा द्वारा पुलिस एवं प्रशासन के सहयोग से फर्जीवाड़ा कर चुनाव में भारी धांधली का आरोप लगा मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने राज्य निर्वाचन आयोग से निरस्त करने की मांग की है-
वहीं क्राॅस वोटिंग करने पर कांग्रेस ने छह पदाधिकारियों को हटा दिया। कांग्रेस ग्रामीण जिलाध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव के मुताबिक़ नवनिर्वाचित अध्यक्ष गुर्जर, उनके पति नौरंग गुर्जर, सदस्य बिजिया राजौरिया, उनके पति विनोद राजौरिया, परिवार के सदस्य रोहित राजौरिया, चंद्रेश राजपूत, उनके परिजन रामगोपाल राजपूत को पार्टी ने 6 साल के लिए निष्कसित कर दिया।