बालाघाट कलेक्टर ने स्वीकारा, नियम विरूद्ध खोला गया स्ट्रांग रूम
कलेक्टर के स्वीकारनामे के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर उठाया सवाल
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) बालाघाट में स्ट्रांग रूम में पोस्टल बैलेट से छेड़छाड़ के कथित वायरल वीडियो को लेकर बडा अपडेट सामने आया है। अब कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार ने स्वीकार किया है कि स्ट्रांग रूम नियम विरूद्ध खोला गया था। कलेक्टर के इस स्वीकारनामे के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाया है।
स्ट्रांग रूम में पोस्टल बैलेट से छेड़छाड़ का कथित वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस ने कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार को हटाने की मांग की थी।वीडियो को लेकर कांग्रेस की शिकायत पर चुनाव आयोग ने नोडल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था। हालांकि भाजपा के ओर ये दावा किया जाता रहा कि कांग्रेस की शिकायत निराधार है।
अब खुद कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार ने एक इंटरव्यू में यह स्वीकार किया है कि राजनीतिक दलों को जो समय दिया उससे पहले ही स्ट्रांग रूम खोल लिया गया था। जो कुछ भी बालाघाट में हुआ वो असामान्य है। कलेक्टर ने इस पूरी घटना को प्रोसिजरल लेप्स करार दिया। उन्होंने यह भी स्वीकारा कि स्ट्रांग रूम खोले जाने की जानकारी उन्हें जानकारी नहीं थी।
वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इस मामले को लेकर कहा कि बालाघाट में डाक मतपत्रों को जिस तरह से खोला गया, वह गंभीर कदाचरण है। उसके बाद सरकारी मशीनरी और जिम्मेदार अधिकारियों ने जिस तरह से इस कृत्य को सही साबित करने की कोशिश की, वह और भी अक्षम्य अपराध है।
कमलनाथ ने आगे कहा कि अधिकारी-कर्मचारी किसी भी असंवैधानिक या गैरकानूनी आदेश का पालन न करें और सिर्फ वही कार्य करें जो करना उनका प्रशासनिक दायित्व है। कमलनाथ ने यह भी कहा कि एक-एक अधिकारी और कर्मचारी की कार्यप्रणाली की रिपोर्ट जनता के पास है और जनता 3 दिसंबर को मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार पर मोहर लगा रही है। मैं चुनाव प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारियों को याद दिलाना चाहता हूं कि इस समय वह निर्वाचन आयोग के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं, जो मध्य प्रदेश सरकार से अलग एक स्वायत्त संस्था है। वे इस समय किसी पार्टी या मंत्री के मातहत काम नहीं कर रहे हैं। इसलिए सभी अधिकारी कर्मचारियों से निवेदन है कि वह किसी भी असंवैधानिक या गैरकानूनी आदेश का पालन न करें और सिर्फ वही कार्य करें जो करना उनका प्रशासनिक दायित्व है। एक-एक अधिकारी और कर्मचारी की कार्यप्रणाली की रिपोर्ट जनता के पास है।