Budget 2021 : आम बजट या देश को बेचने की स्कीम – कमल नाथ

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ (Kamalnath) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पर बड़ा तंज कसा है।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ (Kamalnath) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट पर बड़ा तंज कसा है। कहा है कि, “यह बजट है या देश को बेचने की स्कीम है।” कमल नाथ ने बजट को लेकर प्रकाशित हुई खबरों को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है, “70 साल में जनता की गाढ़ी कमाई से देश ने जो संस्थान बनाये थे, सब बिक रहे हैं। सरकारी कंपनियां बेचेंगे, सरकारी बैंक बेचेंगे, बीमा कंपनियां बेचेंगे, एयरपोर्ट, बंदरगाह, बिजली प्राइवेट हाथो को देंगे और गैस भी निजी कंपनियों के पास चली जाएगी, यह बजट है या देश को बेचने की स्कीम?”

कमल नाथ ने अपने ट्वीट किया कि धनराशि जुटाने के लिए सरकार पीएसयू में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी।

महंगाई पर अंकुश लगाने में विफल रहेगा बजट 2021 : बजट इंस्टापोल
देश के अधिकांश लोगों ने सोमवार को संसद में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट 2021 से असंतोष व्यक्त किया। लोगों का कहना है कि बजट महंगाई को कम करने में सक्षम नहीं होगा। लोगों ने आईएएनएस सी-वोटर बजट इंस्टापोल द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के दौरान अपने विचार व्यक्त किए। यह सर्वेक्षण देश के विभिन्न हिस्सों में 1,200 से अधिक लोगों के बीच स्वैच्छिक किया गया। सीतारमण की ओर से लोकसभा में बजट पेश किए जाने के तुरंत बाद यह सर्वेक्षण किया गया।

सर्वेक्षण में शामिल लोगों से सवाल पूछा गया कि क्या आपको लगता है कि इस बजट के बाद कीमतें (महंगाई) कम हो जाएंगी, इस पर 46.1 प्रतिशत लोगों ने कहा, “बिल्कुल नहीं।” पिछले साल बजट 2020 के बाद जब लोगों से यही सवाल पूछा गया था तो लगभग 43.3 प्रतिशत लोगों ने यही जवाब दिया था।

अन्य पिछले बजटों के साथ इस बार के बजट की तुलना की जाए तो पता चलता है कि 2015 में 47 प्रतिशत ने यही जवाब दिया था, जबकि 2016 में 46.5 प्रतिशत, 2017 में 47 प्रतिशत, 2018 में 56.8 प्रतिशत और 2019 में 44.4 प्रतिशत लोगों ने ऐसा ही जवाब दिया था।

इस वर्ष के बजट के बाद लगभग 21 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इस साल के बजट से महंगाई में थोड़ी कमी आएगी। वहीं 2020 में 31 प्रतिशत लोगों ने इसी तरह की राय रखी थी। इसके अलावा 2015 के बजट के बाद लगभग 31.3 प्रतिशत, 2016 के बजट के बाद 29.1, 2017 में 32.8 प्रतिशत, 2018 में 26.3 प्रतिशत और 2019 में 29.1 प्रतिशत लोगों ने ऐसे ही विचार प्रकट किए थे।

वहीं इस बार 18 प्रतिशत लोगों का एक समूह ऐसा भी देखने को मिला, जो बजट के लिए सकारात्मक सोच रखता है, क्योंकि इन 18 प्रतिशत लोगों का मानना है कि यह बजट ‘काफी हद तक’ महंगाई पर लगाम कसेगा। इसके अलावा 14.8 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे ‘नहीं जानते या कह नहीं सकते’ कि यह बजट महंगाई को कम करने में मदद कर पाएगा।

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