20 परीक्षार्थियों के सपनों को रौंद गया मुख्यमंत्री का काफिला
मुख्यमंत्री के काफिले में फंसने के कारण ये 20 युवा व्यापमं द्वारा आयोजित स्टाफ नर्स की परीक्षा नहीं दे पाए।
Ashok Chaturvedi
उज्जैन में कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
उज्जैन (जोशहोश डेस्क) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को उज्जैन में महाकाल परिसर के लिए 500 करोड़ रुपए के साथ कई अन्य विकास कार्यों की सौगात दी। वहीं उनके काफिले ने 20 परीक्षार्थियों के सपनों को रौंद दिया। दरअसल मुख्यमंत्री के काफिले में फंसने के कारण ये 20 युवा व्यापमं द्वारा आयोजित स्टाफ नर्स की परीक्षा नहीं दे पाए।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ये 20 परीक्षार्थी मुख्यमंत्री के काफिले में फंस जाने के कारण परीक्षा सेंटर पहुंचने में 10 मिनट लेट हो गए। इसके बाद उन्हें परीक्षा से वंचित कर दिया गया। परीक्षार्थियों ने इसकी शिकायत सीएम हेल्प लाइन पर भी की लेकिन कोई मदद नहीं मिली।
परीक्षार्थियों के मुताबिक व्यापमं द्वारा ली जा रही स्टाफ नर्स की परीक्षा दोपहर तीन से पांच बजे तक होनी थी। इसके लिए रिपोर्टिंग टाइम दोपहर एक से दो बजे तक था। मुख्यमंत्री शिवराज के काफिले के कारण 20 परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र से पहले रोक दिया गया। काफिला गुजरने के बाद जब परीक्षार्थी केंद्र तक पहुंचे तो उन्हें परीक्षा देने से रोक दिया गया।
यह बताया कारण परीक्षा केंद्र प्रभारी राकेश शर्मा ने इसका कारण देते हुए बताया कि ऑफलाइन या विश्वविद्यालय परीक्षा होने की स्थिति में परीक्षार्थियों को एडजस्ट किया जा सकता था। यह परीक्षा व्यापमं द्वारा ली जा रही थी जिसमें ऑनटाइम रजिस्ट्रेशन न करने पर सर्वर अपने आप बंद हो जाता है। इसलिए परीक्षार्थियों को एडजस्ट नहीं किया जा सका।
भविष्य से खिलवाड़ का जिम्मेदार कौन मुख्यमंत्री के काफिले के कारण लेट हुए इन परीक्षार्थियों भविष्य से खिलवाड़ हो गई। अब इसका जिम्मेदार किसे माना जाए? बेहतर यह होगा कि इन परीक्षार्थियों को दोबारा मौका दिया जाना चाहिए।