भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश की पुलिस सत्तारूढ़ भाजपा सरकार की कठपुतली बन उसके इशारे पर समानांतर न्याय पालिका चला रही है। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे प्रकरण बनाये जा रहे हैं वहीं गुनाहगार भाजपा नेताओं को बचाया जा रहा है। प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार को यह आरोप लगाते हुए राज्य के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना को ज्ञापन सौंपा और पुलिस की एकतरफा कार्रवाई के प्रमाण भी दिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के निर्देश पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के नेतृत्व में बुधवार को कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ निरंतर बनाये जा रहे झूठे प्रकरणों की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस सरकार की कठपुतली बन उसके इशारे पर समानांतर न्याय पालिका चला रही है, जो संविधान के विपरीत है।
कांग्रेस नेताओं ने इस दौरान सौंपे गये अपने ज्ञापन में कहा कि सरकार के इशारे पर प्रदेश में आरोपी और अपराधी के बीच अंतर न समझते हुए कानून की दोहरी व्याख्या की जा रही है और गुनाहगार भाजपा नेताओं को बचाया जा रहा है। कांग्रेस नेताओं ने ऐसी कुछ घटनाओं का प्रमाण भी दिया-
- पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती राजधानी भोपाल के बरखेडा पठानी स्थित शराब की दुकान में कानून अपने हाथों में लेकर वहाँ पथराव करती हैं, उनके खिलाफ कोई एफआईआर नहीं हुई। सरकार द्वारा पत्थरबाजी और उससे हुये नुकसान की वसूली को लेकर बनाया गया कानून सुश्री भारती के खिलाफ उपयोग में क्यों नहीं लाया गया?
- बैरसिया में 100 गायों की हत्या और उनके चमड़े के व्यापार किये जाने के स्पष्ट प्रमाण के बावजूद आरएसएस समर्थित गोशाला की संचालिका के नामजद एफआईआर दर्ज होने के बाद संचालिका की आज तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई?
- रीवा सर्किट हाउस में भगवाधारी कथित सन्यायी द्वारा शराब पिलाकर एक नाबालिग के साथ किये गये गैंगरेप के दौरान सर्किट हाउस का आरोपियों को कमरा दिलाने वाले चिन्हित मंत्री के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? जबकि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने रीवा में ही मंच से घोषणा करते हुए कलेक्टर एसपी को निर्देश दिया था कि जिसने भी राजनिवास (सर्किट हाउस) का आरोपियों को कमरा दिलाया है उन्हें छोड़ा नहीं जायेगा।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि रायसेन, रतलाम और खरगोन, सेंधवा, बडवानी की घटनाओं से भी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। कांग्रेस ने कहा कि राज्य शासन और सत्ताधारी दल सहित विपक्ष का भी कर्तव्य है कि वह इन परिस्थितियों में पहले अमन-भाईचारा कायम करने की सार्थक पहल करें किन्तु प्रदेश के गृहमंत्री स्वयं ही अपने उत्तेजक बयानों से प्रदेश में विषवमन कर रहें हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि प्रदेश में घटित ऐसी सभी घटनायें यह बताती है कि यह सरकार व इंटेलिजेंस का फेलुअर है और पुलिस राजनैतिक दबाववश कानून व्यवस्था को संभालने हेतु नाकाम साबित हो रही है। वहीं जिम्मेदार कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में लेने के बजाय अपने उत्तेजक बयानों से प्रदेश की गंगा-जमुनी फिजा को खराब करने में लगे हैं। अरुण यादव ने कहा कि दंगाई किसी भी वर्ग विशेष का क्यों न हो, उसके साथ कड़ाई बरती जाये, किंतु कार्यवाही निष्पक्ष और न्यायपूर्ण हो। सभी के साथ समानता का व्यवहार करते हुए काननू व्यवस्था संचालित की जाए।
पुलिस महानिदेशक को सौंपे गये ज्ञापन के दौरान कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल में पूर्व मंत्री एवं विधायक पीसी शर्मा, विधायक आरिफ मसूद, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष सै. साजिद अली, मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा, महामंत्री मीडिया केके मिश्रा, जेपीधनोपिया, महामंत्री एवं प्रवक्ता रवि सक्सेना, पूर्व महापौर दीपचंद यादव आदि उपस्थित थे।