‘रोजगार दिवस’ भद्दा मजाक, युवाओं को चुनावी सपने दिखा रही MP सरकार
रोजगार पर शिवराज सरकार के दावों को कांग्रेस ने बताया झूठ, बेरोजगारी पर श्वेत-पत्र जारी करने की उठाई मांग।
Ashok Chaturvedi
पत्रकार-वार्ता के दौरान प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री मीडिया केके मिश्रा।
भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश सरकार द्वारा आगामी 25 फरवरी को मनाये जा रहे रोजगार दिवस को कांग्रेस ने लाखों बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक बताया है। कांग्रेस ने प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पिछले दो महीनों में सवा 5 लाख युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने और प्रतिमाह एक लाख लोगों को रोजगार दिये जाने के दावे पर सवाल उठाये हैं।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री मीडिया केके मिश्रा ने मंगलवार को पत्रकार-वार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आव्हान पर प्रदेश सरकार 25 फरवरी को रोजगार दिवस मना रही है। अब हर महीने मनाये जाने वाला ये रोज़गार दिवस प्रदेश के लाखों बेरोजगारों के साथ एक भद्दा मजाक व उनके जख्मों पर नमक डालने का प्रयास है। केके मिश्रा ने कहा कि आज प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगार युवाओं का आंकड़ा 34 लाख के करीब पहुंच चुका है और श्रम पोर्टल के अनुसार पिछले पांच माह में देश में 24.54 करोड़ असंगठित कामगार आंकड़ों के साथ मप्र में यह संख्या 1.21 करोड़ हो गई है।
केके मिश्रा ने कहा कि ये आंकड़े असहनीय है और हमारे मुख्यमंत्री पिछले दो महीनों में सवा 5 लाख युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने और प्रतिमाह एक लाख लोगों को रोजगार दिये जाने की बात कह रहे हैं। अब विधानसभा चुनाव की नजदीकियों के चलते अगले दो वर्षों में 30 लाख लोगों को रोजगार के झूठे सपने दिखाये जा रहे हैं, जो हकीकत से कोसो दूर हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माननीय कमलनाथ द्वारा हाल ही में युवाओं को रोजगार के लिये कानून बनाने की बात को न्यायोचित बताते हुए केके मिश्रा ने कहा कि जब विधानसभा में बिना चर्चा किये बगैर शिवराज सरकार 21 कानून बना सकती है, जिनका अमल आज तक दिखाई नहीं दे रहा है तो युवा पीढ़ी के व्यापक हितों में इस विषयक कानून क्यों नहीं बनाया जा सकता? केके मिश्रा ने बजट सत्र में यह कानून पारित किये जाने के साथ ही प्रदेश में व्याप्त बेरोजगारी को लेकर शिवराज सरकार से श्वेत-पत्र जारी करने की मांग भी की।
केके मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती के उस बयान का हवाला भी दिया जिसमें उमा भारती ने रोजगार के अभाव में बुंदेलखंड के पांच जिलों, छतरपुर, टीकमगढ़, पन्ना, हटा और दमोह के 10 से 12 लाख नौजवान पलायन कर मजदूरी करने दिल्ली जाने की बात कही थी। केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में 1,15,756 पर रिक्त है। प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक स्वीकृत पद के बदले लगभग 50 प्रतिशत पद खाली हैं। जिससे सारी प्रशासनिक व्यवस्था चरमरायी हुई है।
पंजीयन कार्यालयों के नए फॉर्मेट पर भी केके मिश्रा ने सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि पंजीयन कार्यालयों में तीन केटेगरी में पंजीयन के नये फार्मेट का निर्माण कर राज्य सरकार युवाओं से छल कर रही है। पंजीयन कार्यालयों में तीन केटेगरी में पंजीयन के नये फार्मेट में जो विकल्प दिए गए हैं वह अपने आप में पंजीकृत आंकड़े कम करने का एक अमानवीय षड्यत्र हैं जो राज्य सरकार की ‘नीति और नियत’ को स्पष्ट कर रहा है।