भगवान श्रीराम आस्था के केंद्र-राजनीति के नहीं, BJP पर भड़की कांग्रेस
MP कांग्रेस के चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला बोले- राम मंदिर को लेकर होर्डिंग लगाने वाले भाजपाइयों को भगवान् राम सद्बुद्धि दे
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में अब भाजपा अयोध्या में आकार ले रहे भगवान पर राजनीति करती नज़र आ रही है। भाजपा ने प्रदेश के शहरों में राम मंदिर को लेकर होर्डिंग तक लगा दिए हैं। चुनाव आयोग से इन होर्डिंग की शिकायत करते हुए कांग्रेस ने दो टूक कहा है किभगवान श्री राम आस्था के केंद्र हैं। वे दलगत राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकते।
MP कांग्रेस के चुनाव प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि प्रभु श्री राम आस्था का केंद्र हैं, राजनीति के नहीं। हमारे आराध्य प्रभु राम दलगत राजनीति का हिस्सा नहीं हो सकते। राम मंदिर को लेकर होर्डिंग लगाने वाले भाजपाइयों को भगवान् राम सद्बुद्धि दे।
बता दें कि भोपाल-इंदौर में कई जगहों पर बीजेपी की तरफ से राम मंदिर के होर्डिंग्स लगाए गए हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ पार्टी नेताओं की तस्वीरें हैं। होर्डिंग्स पर लिखा है कि भव्य राम मंदिर बनकर हो रहा तैयार, फिर इस बार भाजपा सरकार।’
कांग्रेस ने इन होर्डिंग्स को लेकर इंदौर में चुनाव आयोग से शिकायत की है। शिकायती पत्र में कहा है, ‘आचार संहिता के बाद भी सत्तारूढ़ भाजपा अपने होर्डिंग्स और प्रचार वाहनों से धार्मिक आधार पर कैंपेन करने में जुटी है। महाकाल लोक और राम मंदिर निर्माण का श्रेय लेने के लिए बिना मंजूरी पोस्टर लगाए गए हैं।’
रणदीप सुरजेवाला ने शिवराज सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि शिवराज सरकार के 18 साल को दमनकारी किसान विरोधी के रूप में प्रदेश के इतिहास में याद रखा जाएगा। भाजपा और शिवराज सरकार ने किसानों के साथ हमेशा छल किया है। समर्थन मूल्य छुपा कर किसानों की योजनाओं पर ताला लगाया है। किसानों को समर्थन मूल्य पर फसल नहीं मिल रही है। केंद्रीय सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदने की घोषणा करती है और राज्य सरकार फसलों को आधे दाम में खरीद रही है।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि भाजपा ने किसान कल्याण विभाग को किसान दुर्दशा विभाग बना दिया। 30 योजनाओं में से 19 योजनाओं में शिवराज सरकार ने एक पैसा भी नहीं दिया है। भाजपा ने कई किसानों का नाम सम्मान निधि से हटा दिए और प्रदेश में अब 8 लाख 57 हजार 203 किसानों को सम्मान निधि का पैसा नही मिलेगा।