राघौगढ़ में सेंध की कोशिशें नाकामयाब, कांग्रेस के विजय साहू बने नपाध्यक्ष
राघौगढ़ नगरपालिका में कमल खिलाने का भाजपाई सपना फिर रह गया अधूरा
Ashok Chaturvedi
राघौगढ़ (जोशहोश डेस्क) पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के गढ़ में तमाम प्रयासों के बाद भी सेंधमारी की कोशिशें सफल नहीं हो सकीं। शुक्रवार को कांग्रेस के विजय कुमार साहू राघौगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष चुन लिए गए। इस तरह राघौगढ़ में कमल खिलाने का भाजपाई सपना फिर अधूरा रह गया।
नगरपालिका राघौगढ़-विजयपुर के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस ने विजयकुमार साहू को उम्मीदवार बनाया था। भाजपा ने गोपाल पटवा पर दांव खेला था। मतदान में कांग्रेस के विजय साहू को 16 और भाजपा के गोपाल पटवा को 08 मत मिले। यानी कांग्रेस का पार्षद दल पूरी तरह एकजुट रहा।
विजयकुमार साहू ने वार्ड 8 से जीत दर्ज़ की थी। चुनाव में कांग्रेस ने 24 में से 16 वार्ड जीतकर बहुमत का आंकड़ा छू लिया था। वहीं भाजपा 08 वार्डों में जीत के बाद भी नगर सरकार बनाने का दावा कर रही थी। कांग्रेस के विजयी पार्षद जीत के बाद राघौगढ़ से राजस्थान और अन्य जगहों पर गए थे जिसका कारण भाजपा की सेंधमारी से उन्हें बचाना बताया गया था।
इस बार राघौगढ़ में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी थी। शिवराज सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया पूरे समय यहाँ डेरा डाले रहे थे, वहीं सांसद रोडमल नागर भी प्रचार में डटे रहे थे। संघ भी ख़ासा सक्रिय दिखा था जबकि कांग्रेस की ओर से पूर्व मंत्री और विधायक जयवर्धन सिंह ने मोर्चा संभाला था। विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी चुनावी सभाएं लेकर भाजपा के मंसूबों पर यहाँ पानी फेरा था।
राघौगढ़ नगर पालिका से ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। वे यहां से नगर पालिका का पहला चुनाव लड़े और राघोगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष बने थे। तब से लेकर यहां पर दिग्विजय सिंह का ही कब्जा है। उन्हीं के चहेतों ने नगर पालिका अध्यक्ष पद पर कब्जा किया है। बीजेपी हमेशा ही यहां से शिकस्त खाती आई है।