बाढ़ से एक्सपोज निर्माण: दो दिन में तीसरा पुल बहा, सड़कें धंसी-पटरियां लटकीं
ग्वालियर चंबल में बाढ़ के कारण सरकार के निर्माण कार्यों की कलई भी खुल रही है।
Ashok Chaturvedi
ग्वालियर (जोशहोश डेस्क) ग्वालियर चंबल अंचल में बाढ़ का रौद्र रूप और भी भयावह होता जा जा रहा है। जलमग्न गांवों में हज़ारों लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन और बचाव दल पूरी ताकत लगा रहे हैं। फिर भी हालात गंभीर हैं। भारी बारिश के कारण सरकार के निर्माण कार्यों की कलई भी खुल रही है। दतिया में दो दिन में तीसरा पुल भी नदी के बहाव को नहीं झेल पाया और बह गया, जगह जगह से सड़क धंसने के समाचार आ रहे हैं।
दतिया जिले में दो दिन में तीन पुल बाढ़ में बह गए। मंगलवार को सिंध नदी पर बने रतनगढ़ माता पुल और लांच पुल टूटने के बाद आज सेवड़ा में सिंध नदी पर बना पुल भी ताश के पत्ते जैसा बह गया है।
लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश के चलते शिवपुरी-मोहना रेलवे ट्रैक पर पानी भर गया। इसके कारण रेलवे ट्रैक की नीचे की सारी गिट्टी बहाव से बह गई और पटरियां लटकती हुई दिखाई दीं। पटरियों के नीचे पानी का तेज़ बहाव दिखा।
बाढ़ ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता की कलई भी खोल दी। जगह जगह सड़कें धंस गई शिवपुरी में तो एक ट्रक ही सड़क में समा गया।
कांग्रेस ने भी बाद में बहते पुलों और सड़कों को लेकर शिवराज सरकार से सवाल किया है और इसे निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार से जोड़ा है-
लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से नदियां उफान पर हैं। चंबल नदी का पानी रेलवे पुल को छू रहा है। श्योपुर जिले के विजयपुर-वीरपुर में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं प्रशासन ने 30 गांवों को खाली करा रहा है। शिवपुरी में पानी का स्तर बढ़ने के चलते मड़ीखेड़ा डैम के 10 गेट खोल दिए गए हैं। इससे हालात और खराब होने की आशंका है।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने बुधवार को ग्वालियर पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज ने एयरपोर्ट पर ही बचाव कार्य में जुटे एयरफोर्स के अफसरों और प्रशासनिक अधिकारियों से हालात की जानकारी ली। इसके बाद वे हेलिकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित शिवपुरी, श्योपुर और दतिया के दौरे के लिए निकल गए।