खोखले तर्क: स्वच्छता के नाम पर सियासत के शिकार हो गए रजा मुराद
रजा मुराद को हटाए जाने के तर्क सतही, सवालों के घेरे में स्वच्छता एंबेसडर बनाए जाने की प्रकिया।
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) फिल्म अभिनेता रजा मुराद को राजधानी भोपाल के लिए स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाना और फिर 24 घंटों के भीतर ही हटाया जाना सुर्खिया में हैं। रजा मुराद ने भी खुद को इस तरह हटाए जाने पर सवाल खड़े किए हैं वहीं यह जा रहा है कि रजा मुराद स्वच्छता के नाम पर सियासत के शिकार हो गए।
रजा मुराद को हटाए जाने के लिए नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के पत्र के मुताबिक़ ब्रांड एंबेसडर ऐसे व्यक्ति को बनाया जाना चाहिए जिसने स्वच्छता में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया हो अथवा भोपाल की संस्कृति से भलीभांति परिचित हो। पत्र में यह भी लिखा गया है कि नगर निगम के आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए और किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति जो भोपाल की संस्कृति से भलीभांति परिचित हो या स्वच्छता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो ऐसे व्यक्ति अथवा संस्था को ब्रांड एंबेसडर बनाया जाए।
रजा मुराद को हटाए जाने के पीछे जो तर्क दिए गए हैं उनमें दम नजर नहीं आता। अगर बात भोपाल की संस्कति से जुडे प्रतिष्ठित व्यक्ति की हो तो रजा मुराद इस पैमाने पर खरे उतरते हैं। रजा मुराद ने भी कहा कि भोपाल की तहजीब से जितना मैं वाकिफ हूं उतने कम ही लोग होंगे। मेरी स्कूली शिक्षा भोपाल में हुई मैं शहर, इसकी सड़कों, इसकी विशेष भाषा, चाय, पान, गुटखा से अच्छी तरह वाकिफ हूं। इसलिए यह आरोप कि मैं शहर की संस्कृति को नहीं जानता, इसका कोई आधार नहीं है। भोपाल स्वच्छता के पैमाने पर नंबर दो था लेकिन अब नंबर सात पर है मैं भोपाल को दोबारा उसी मुकाम पर लाना चाहता था।
जहां तक बात स्वच्छता के क्षेत्र में योगदान की है तो क्या रजा मुराद के इस क्षेत्र में योगदान को नगर निगम पहले नहीं जानता था? और अगर ब्रांड एंबेसडर के लिए स्वच्छता के क्षेत्र में योगदान को पैमाना माना जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान को देश भर में प्रचारित करने के लिए कॉमेडियन कपिल शर्मा समेत जिन नौ लोगों को नामित किया था उन सभी के योगदान ही सवालों के घेरे में आ जाएंगे।
अगर इन दोनों बातों को आधार बनाया भी जाए तो भोपाल नगर निगम की स्वच्छता एंबेसडर बनाए जाने की पूरी प्रकिया ही सवालों के घेरे में आ जाती है। जहां तक रजा मुराद के मामले की बात की जाए तो यह चर्चा है कि नगर निगम अधिकारियों द्वारा की गई उनकी नियुक्ति भाजपा संगठन को रास नहीं आई थी।
इसका कारण रजा मुराद द्वारा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अल्पसंख्यक उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सार्वजनिक टिप्पणी किए जाने को बताया जा रहा है। रजा मुराद के मुताबिक कांग्रेस से उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर भी मिला था। यही कारण रहा कि भाजपा में रजा मुराद की नियुक्ति का विरोध होने लगा था।
गौरतलब है कि भोपाल नगर निगम ने गुरुवार को रजा मुराद को स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाया था। रजा मुराद ने बतौर ब्रांड एंबेसडर भोपाल में काम भी शुरू कर दिया था और वे गुरुवार को कई इलाकों में गए भी थे। उन्होंने लोगों से शहर को अपने घर की तरह स्वच्छ और पॉलिथीन फ्री बनाने का आव्हान किया था लेकिन रजा मुराद को भोपाल का ब्रांड एंबेसडर बने हुए कुछ घंटे हुए थे कि उन्हें राज्य के नगरीय विकास और आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने एक आदेश जारी कर हटाने का फरमान सुना दिया था।