सागर मेडिकल काॅलेज में सड़ रहे शव, असहाय मर्चुरी प्रभारी का इस्तीफा
सागर के बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज (बीएमएसी ) की मर्चुरी में डीप फ्रीजर खराब होने से शव सड़ने की स्थिति में पहुँच रहे हैं।
Ashok Chaturvedi
दैनिक भास्कर में प्रकाशित मर्चुरी की तस्वीर
सागर (जोशहोश डेस्क) कोरोना काल ने देश के साथ ही प्रदेश के मेडिकल सिस्टम की भी कलई खोल दी है। लगातार बढ़ रही मौतों के बाद शवों के लिए न तो मरचुरी में जगह और न श्मसान। सागर के बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज (बीएमएसी ) की मर्चुरी में तो डीप फ्रीजर खराब होने से शव सड़ने की स्थिति में पहुँच रहे हैं। वहीं हालात सुधारने में अपेक्षित सहयोग न मिलने से असहाय मर्चुरी प्रभारी ने इस्तीफा दे दिया है।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक सागर के बुंदेलखंड मेडिकल काॅलेज (बीएमएसी) की मर्चुरी में चार डीप फ्रीजर हैं। चारों ही लंबे समय से खराब हैं। कोरोना के भयावह संकट के बीच मरचुरी में रोजाना 20 से ज्यादा शव पहुंच रहे हैं। कोरोना रिपोर्ट के इंतजार में कई शवों को 12 घंटे से ज्यादा देर तक मरचुरी में रखना पड़ रहा है।
ऐसे में डीप फ्रीजर खराब होने से कुछ शव तो सड़ने की कगार तक पहुंच रहे हैं। मर्चुरी प्रबंधक डीप फ्रीजर खराब होने को लेकर अधिकारियों का पत्र लिख चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हालात से परेशान होकर मर्चुरी प्रभारी डाॅक्टर शैलेन्द्र पटेल ने इस्तीफा तक दे दिया है।
बताया जा रहा है कि मर्चुरी से श्मसान तक शवों को पहुंचाने के लिए बीमएसी में एक ही एंबुलैंस है। ऐसे में शवों को श्मसान तक पहुंचाने में लंबा वक्त लग रहा है। सोमवार रात से मंगलवार दोपहर तक ही यहां 23 शव पहुंच चुके हैं।
परिजनों में आक्रोश, मारपीट की नौबत
अंतिम संस्कार के लिए शवों के इंतजार में परिजनों का सब्र भी टूटने लगा है। मंगलवार को ही शव देने में विलंब से आक्रोषित कुछ परिजनों ने पहले तो मर्चुरी में घुसने का प्रयास किया और जब सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोका तो नौबत हाथापाई तक पहुँच गई। कुछ परिजनों ने तो मर्चुरी पर पथराव तक किया। पुलिस ने मौके पर पहुंच स्थिति को संभाला।