इंदौर कृषि महाविद्यालय शिफ्ट करने के विरोध में उतरे दिग्विजय सिंह, CM को लिखा पत्र
कृषि महाविद्यालय की भूमि पर प्रस्तावित सिटी फाॅरेस्ट और आक्सीजन झोन के प्रस्ताव को निरस्त कर महाविद्यालय को यथावत रखे जाने की मांग
Ashok Chaturvedi
इंदौर (जोश होश डेस्क) इंदौर में कृषि महाविद्यालय को शिफ्ट किये जाने का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। कृषि महाविद्यालय को शिफ्ट किये जाने के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों और किसान नेताओं के समर्थन में अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद भी आ गये हैं। दिग्विजय सिंह ने इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लंबा पत्र लिखा है और कृषि महाविद्यालय की भूमि पर प्रस्तावित सिटी फाॅरेस्ट और आक्सीजन झोन के प्रस्ताव को निरस्त कर महाविद्यालय को यथावत रखे जाने की मांग की है।
दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय किसान नेता योगेन्द्र यादव एवं स्थानीय समाचार पत्रों की रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीएम शिवराज को लिखा कि तीसरी बार मध्यप्रदेश शासन एवं जिला प्रशासन इन्दौर द्वारा पिछले 100 वर्षो से स्थापित कृषि महाविद्यालय इन्दौर के अनुसंधान केन्द्र की भूमि को हड़पने की योजना बनाई जा रही है।
दिग्विजय सिंह ने लिखा कि प्रदेश के किसान नेता केदार सिरोही ने उन्हें अवगत कराया है कि जिला प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने नेताओं और बिल्डरों से मिलकर वर्षो से आक्सीजन झोन का काम कर रहे रेसीडेंसी एरिया के स्थान पर कृषि महाविद्यालय परिसर की जमीन पर आक्सीजन झोन और सिटी फारेस्ट बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि विगत दो सौ सालों से भी अधिक समय से शहर के बीचों बीच स्थित रेसीडेंसी एरिया में लगे हजारों-हजार हरे भरे वृक्ष इन्दौर को शुद्ध हवा देने का काम कर रहे है। इन्दौर के भूमाफियाओं की इस बेशकीमती जमीन पर नजर है। वे तिकड़मबाजी कर रेसीडेंसी एरिया को व्यवसाय और वाणिज्य क्षेत्र में बदलवाने की कुचेष्टा कर रहे है। कुछ शीर्ष स्तर के अधिकारी भी इन्दौर के पर्यावरण से खिलवाड़ करने का कुत्सित प्रयास कर रहे है।
दिग्विजय सिंह ने लिखा जिस तरह रेसिडेंसी एरिया की हरियाली इंदौर की पहचान है उसी तरह ब्रिटिश टाईम से बना कृषि महाविद्यालय भी उन्नत कृषि की आधारशिला रख रहा है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी इंदौर भ्रमण के समय इस केन्द्र के कार्यो की सराहना की थी। यहां यह उल्लेखनीय है कि मालवा की खेती पूरी दुनिया में सराही जाती है। यहां के किसानों ने सभी प्रकार की फसलों की पैदावार में मालवा का नाम रोशन किया है। इन्दौर का कृषि महाविद्यालय किसानों की आशाओं का केन्द्र बिन्दु है। हर साल सैकड़ों छात्र यहां से पास होकर मालवा की मिट्टी का कर्ज उतार रहे है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लिखा कि किसान नेताओं का कहना है कि कृषि महाविद्यालय इन्दौर का राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। महाविद्यालय की भूमि पर सिटी फारेस्ट या आक्सीजन झोन बनाने के इस प्रस्ताव से कृषि अनुसंधान, बीज उत्पादन, कृषि शिक्षा आदि प्रभावित होगें। इससे कृषि एवं किसानों की उन्नति में गतिरोध उत्पन्न होगा। किसान नेता योगेन्द्र यादव ने कृषि महाविद्यालय इन्दौर की भूमि पर प्रस्तावित कार्यो को निरस्त कर भूमि को यथावत रखे जाने का निवेदन किया है।
पत्र में दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया कि प्रदेश के कृषि क्षेत्र की उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कृषि महाविद्यालय इन्दौर की भूमि पर प्रस्तावित सिटी फाॅरेस्ट और आक्सीजन झोन के प्रस्ताव को निरस्त करते हुए महाविद्यालय को यथावत रखे जाने के निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।