दोगुना होना दूर की कौड़ी, MP में तो घट गई किसानों की आय
लोकसभा और राज्यसभा में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक 1401 रुपए कम हो गई मध्यप्रदेश के किसानों की मासिक आय।
Ashok Chaturvedi
नई दिल्ली/भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का किसानों की आय दोगुना करने का वादा लगातार पांच बार कृषि कर्मण अवार्ड जीत चुके मध्यप्रदेश में तो कारगर होता नहीं दिख रहा। संसदीय समिति की हाल ही में पेश रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश में किसानों की आय दो गुना होने के बजाय कम हो गई है। प्रदेश का यह हाल तब है जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को किसानपुत्र बताते नहीं थकते हैं और केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता हैं।
संसद की कृषि पर बनी स्टैंडिंग कमेटी की लोकसभा और राज्यसभा में पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश के किसानों की मासिक आय 1401 रुपए कम हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2015-16 में मध्यप्रदेश के एक किसान परिवार की आय 9740 रुपए प्रतिमाह थी जो साल 2018-19 में घटकर 8339 रुपए हो गई। कमेटी के मुताबिक मध्यप्रदेश के अलावा झारखंड, उड़ीसा और नगालैंड के किसानों की आय में भी कमी आई है।
अगर देश के अन्य राज्यों की बात करें तो किसानों की आय में महज 2 हजार रुपए का इजाफा हुआ है। 2015-16 में किसान परिवार की महीने की आय 8059 थी और 2018-19 में ये आय बढ़कर 10 हजार 218 रुपए हो गई। मेघालय ही केवल ऐसा राज्य है जहां किसानों की आय दोगुनी हुई है।
हैरानी की बात यह है कि मध्यप्रदेश सरकार के पास तो किसानों की आय को लेकर कोई डेटा ही नहीं है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल शीतकालीन सत्र में इस सम्बन्ध में पूछे गए सवाल के जवाब में स्वयं कृषि मंत्री कमल पटेल ने यह जानकारी दी थी। कृषिमंत्री कमल पटेल ने यह तक कहा था कि कृषि मंत्रालय का काम किसानों की आय का हिसाब रखना नहीं है।
गौरतलब है कि 28 फरवरी 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली में किसानों की आय डबल करने का वादा किया था। रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि साल 2022 में जब भारत की आजादी के 75 साल पूरे होंगे तो उस समय तक हम किसानों की आय को दोगुना कर सकते हैं। पीएम मोदी के ऐलान के बाद सरकार ने मार्च 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का टारगेट रखा था।