क्यों CS इकबाल सिंह के IAS बेटे को कलेक्टर बनाने पर उठ रहे सवाल?
इकबाल सिंह बैंस के मुख्य सचिव रहते उनके बेटे आईएएस अमनबीर सिंह को बैतूल कलेक्टर बनाए जाने पर सवाल उठने लगे हैं।
Ashok Chaturvedi
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और उनके बेटे आईएएस अमनबीर सिंह
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के मुख्य सचिव रहते उनके बेटे आईएएस अमनबीर सिंह को बैतूल कलेक्टर बनाए जाने पर सवाल उठने लगे हैं। यह कहा जा रहा है कि अमनबीर को कलेक्टर बनाए जाने में कैडर मैनेजमेंट की अनदेखी की गई है क्योंकि 20 आईएएस ऐसे हैं जो अमनबीर से सीनियर है लेकिन उन्हें कलेक्टर बनना नसीब नहीं हुआ है।
अमनबीर 2013 बैच के आईएएस हैं। मंगलवार को जारी आदेश के मुताबिक अमनबीर को बैतूल कलेक्टर बनाया गया है। इसी आदेश में 2013 बैच के एक अन्य आईएएस मयंक अग्रवाल को नीमच का जिम्मा सौंपा गया है।
प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब पिता के मुख्य सचिव रहते उनका बेटा कलेक्टर बना है। हालांकि कब और किसको कलेक्टर बनाना है यह सरकार का विशेषाधिकार है लेकिन सीनियर आईएएस को साइडलाइन कर अमनबीर को कलेक्टर बनाया जाने से आईएएस लाॅबी में भी नाराजगी दिखाई दे रही है क्योंकि पोस्टिंग के समय सीनियरटी का प्राथमिकता देने की परंपरा रही है।
सीनियरिटी की बात करें तो 2004 के प्रमोटी आईएएस अमर सिंह बघेल, 2007 की बेला देवर्षि शुक्ला, 2008 की उर्मिला शुक्ला, 2009 के शिवपाल सिंह और वंदना वैद्य, 2010 के अशोक कुमार चौहान, सुरेश कुमार, संदीप माकिन और अनिल खरे अब तक कलेक्टर बनने की कतार में हैं।
दूसरी ओर नागेंद्र मिश्रा,अशोक शर्मा, पतिराम कतरोलिया, बीएस कुलेश, सभाजीत, रवि डफरिया, उपेंद्र नाथ और निसार अहमद ऐसे आईएएस हैं जो कलेक्टर बनने से पहले ही रिटायर हो गए। यही नहीं आईएएस आश्कृत तिवारी इस महीने ही बिना कलेक्टर बने रिटायर हो रहे हैं।
अमनबीर के ही 2013 बैच के मयंक अग्रवाल को नीमच कलेक्टर बनाया गया है। मयंक 2013 में पांचवें नंबर पर थे। वहीं तीसरे नंबर के रिषी गर्ग और चौथे नंबर की रजनी सिंह अब भी कलेक्टर बनने की राह देख रहे हैं।
कैडर मैनेजमेंट की अनदेखी पर पूर्व आईएएस भगत सिंह कुलेश ने भी सवाल खड़ा किया है। उन्होंने खुद को भी इस मामले में उपेक्षित बताते हुए कहा कि प्रदेश में अभी 11 आदिवासी आईएएस हैं लेकिन कलेक्टर केवल वीरेंद्र सिंह रावत हैं। मेरा खुद का कलेक्टर बनने का सपना अधूरा रह गया क्योंकि मेरी कोई राजनीतिक पहुंच नहीं रही।
पूर्व मुख्यसचिव केएस शर्मा भी सीनियरटी को ध्यान रखे जाने के पक्ष में हैं। पूर्व मुख्यसचिव केएस शर्मा का मानना है कि प्रमोटी और डायरेक्ट आईएएस की पोस्टिंग में कोई अनुपात नहीं होना चाहिए। एक ही बैच में सीनियर को नजरअंदाज कर जूनियर को कलेक्टर बनाना ठीक नहीं है।
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि जल्द ही कुछ और जिलों के कलेक्टर भी जल्द ही बदले जा सकते हैं। सीहोर, शहडोल, होशंगाबाद, छतरपुर, रतलाम, बालाघाट, गुना और अनूपपूर में जल्द बदलाव दिखाई दे सकता है।