हादसा या साजिश: सतपुड़ा भवन में आग, भ्रष्टाचार की फाइलें ‘साजिशन’ खाक?
15 घंटे बाद आग पर काबू, फाइलें खाक होने से संदेह और गहराया
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) राजधानी भोपाल में सतपुड़ा भवन में सोमवार को लगी भीषण आग महज़ एक हादसा थी व सोची समझी साजिश, इसे लेकर चर्चाओं का दौर गर्म है। अतिमहत्वपूर्ण भवन में लगी आग को संदेह की नज़र से देखा जा रहा है। आग के कारण जिस तरह जरूरी फाइलें खाक हो गई उससे संदेह और भी गहरा गया है।
आग की भयावहता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पर नियंत्रण के लिए सेना की भी मदद लेनी पड़ी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपडेट दिया। लगभग 15 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया गया।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सवाल उठाया कि यह आग लगी है या लगाई गई है? क्योंकि आमतौर पर माना जाता है कि चुनाव के पहले सबूत मिटाने के लिए सरकार ऐसी ‘हरकत’ करती है! हार रही भाजपा अब यह भी बताए कि पुराने ‘अग्निकांड’ में दोषी कौन थे? किसे/कितनी सजा मिली?
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने लिखा- सतपुड़ा भवन भोपाल के 5वे मंज़िल में भीषण आग। सरकार इतनी असक्षम की 5 वे मंज़िल की आग बुझाने के लिए भारतीय सेना से मदद मागी। तो क्या मैं यह समझूँ की ऐसी स्थिति मप्र में (भगवान ना कर) पुनः होती है तो हमारी रक्षा सरकार नहीं सेना के ही भरोसे होगी !! हे राम यह कैसी डबल इंजन की सरकार।
कांग्रेस विधायक उमंग सिंगार ने भी अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि प्रियंका गांधी जी के मध्यप्रदेश में चुनावी शंखनाद के साथ ही प्रदेश में भाजपा द्वारा चल रहे भ्रष्टाचार पर फाइलें आग लगवा कर जलाने का अभियान भी शुरू हो गया हैं। 15 दिन पूर्व मैंने भोपाल में संपन्न पत्रकार-वार्ता में इस विषयक आशंका जाहिर की थी कि सरकारी दफ्तरों में आग लगने का अभियान शुरू होगा और देखिये शुरू हो गया।
गौरतलब है कि सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम 4 बजे आग लगी थी। कड़ी मशक्कत के बाद मंगलवार सुबह करीब 8 बजे तक आग पर काबू पाया गया था। अग्निकांड की जांच करने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर टीम भी गठित की गई है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में मंगलवार को घटना को लेकर रिव्यू बैठक बुलाई है। सरकार का अनुमान है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी और एसी के कंप्रेसर में ब्लास्ट होने से फैलती गई। पूरे ऑफिस में 30 से ज्यादा एसी कंप्रेसर में ब्लास्ट हुए हैं। आग बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से शुरू हुई और छठी मंजिल तक पहुंच गई थी। जब आग लगी, तब बिल्डिंग में करीब 1000 लोग थे। भगदड़ में कई लोग घायल हो गए। बताया जा रहा है कि इन 4 मंजिलों में रखी 12 हजार से ज्यादा फाइलें खाक हो चुकी हैं। इनमें ज्यादातर फाइलें चिकित्सा विभाग से संबंधित थीं।