पहली बार गेंहू में इल्ली, बुंदेलखंड की फसलों को चौपट कर रही है!
Sangam Dubey
सागर (जोशहोश डेस्क) बुंदेलखंड के सागर जिले में गेहूं की फसलों पर पहली बार इल्ली का प्रकोप देखा जा रहा है। किसानों का मानना है कि इसके पहले उन्होंने कभी भी गेहूं जैसी फसल पर इल्ली का हमला नहीं देखा है।
सागर जिले के रहली तहसील के जूना मौजा के गांव में किसानों की गेहूं की लहलहाती फसल के पत्तों को इल्ली के द्वारा नष्ट होते देखा जा सकता है। किसानों का मानना है कि अब तक इल्ली सोयाबीन, चना, मूंग, उड़द और अन्य फसलों में लगती थी। गेहूं की फसल इल्ली के प्रकोप से हमेशा मुक्त रहती थी। लेकिन ना जाने ऐसा क्या हो रहा है कि इस बार ईल्ली अब गेहूं की हरी फसल को चौपट करने में लगी है।
जूना गांव के दामोदर कुर्मी ने अपने खेत में गेहूं की बालों के साथ लगे हुए हरे पत्तों को दिखाते हुए कहा कि यह इल्ली पत्तों को सफाचट कर जा रही है जिससे पैदावार प्रभावित होगी।
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह की इल्ली का प्रकोप 2019-20 में निमाड़ के कुछ इलाकों में देखा गया था और सीहोर के कुछ जिलों में भी शिकायतें सामने आई थी। उसके बाद कुछ क्षेत्रों में कृषि वैज्ञानिकों ने खेतों का निरीक्षण भी किया था।
कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा मौसम के परिवर्तन के कारण हो रहा है। पिछले कुछ दिनों में विशेषकर दिसंबर और जनवरी के महीनों में कम ठंड पड़ी है, जिसके कारण इस इल्ली को अवसर मिला है। स्थानीय स्तर पर किसान कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग अभी इसलिए नहीं कर रहे क्योंकि वह आश्वस्त नहीं है कि इसमें कौन सा केमिकल उपयोग किया जाए।
जिन खेतों में स्प्रिंकलर के माध्यम से सिंचाई होती है, वहां पर इल्ली का प्रकोप कुछ कम हुआ है क्योंकि पानी गिरने से इल्ली जमीन पर गिर जाती है।
बुंदेलखंड में इसके पहले सोयाबीन की पूरी फसल नष्ट हो गई थी और पिछले साल गेहूं की फसल भी ओला पाला के कारण खराब हुई थी इस साल भी यदि इमली से फसलें प्रभावित हुई तो छोटे किसानों को बहुत समस्या का सामना करना पड़ सकता है।