सत्य की लड़ाई के लिए सरकार से टकराने को तैयार रेंजर दुबे!
Sangam Dubey
इंदौर (जोशहोश डेस्क) बड़गोंदा के उपरेंजर राम सुरेश दुबे ने कुछ दिनों पूर्व आरोप लगाया था कि उनके द्वारा अपनी रेंज में जब्त किए गए ट्रेक्टर, ट्रॉली और जेसीबी को मंत्री उषा ठाकुर और उनके समर्थकों ने जबरन छुड़ा कर ले गए थे। इस मामले के सामने आने के बाद वनरक्षक राम सुरेश दुबे का तबादला कर दिया गया था। अब उन्होंने अपना पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट बैंच में आवेदन दिया है, जिसकी जल्द ही सुनवाई होनी है।
इस पूरे मामले की चर्चा कर्मप्रताप मैगजीन के एडिटर दिलीप सिंह सेंगर ने उनसे मोबाइल पर बात करते हुए कि, उसमें वह कह रहे हैं कि दबाव है, लेकिन मैं किसी से नहीं डरता। मैं तो अपनी ड्यूटी कर रहा था।
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रिपोर्टर- रेंजर रामसुरेश दुबे जी बोल रहे है,नमस्ते मैं कर्मवीर मैगजीन से दिलीप सिंह सेंगर बोल रहा हूं। आप हाईकोर्ट में जानेवाले थे जो हुआ था मंत्रीजी वाला मामला
राम सुरेश- लगा दिया है कल..
रिपोर्टर-कब लगा है उसमें क्या हुआ
राम सुरेश- कल वो लगी है आज या परसों में निर्णय होगा।
रिपोर्टर- मतलब हाईकोर्ट में लगाया है। इनके खिलाफ मामला दर्ज होने का मामला
राम सुरेश- एक मिनट हमें बोलने पर भी प्रतिबंध है। होता क्या है कि ऐसी चीजों से ज्यादा दिक्कत पड़ रही है।
रिपोर्टर- मामला लीपापोती होने की संभावना है दो टूक आपसे पूछ रहा हूं। आप पर दबाव है।
राम सुरेश- दबाव तो है पूरा प्रशासनिक फुल दबाव है। केवल मैं अकेला हूं।
रिपोर्टर- कल पेपर में भी आया था अधिकारियों ने भी आप पर दबाव बनाया
राम सुरेश- भाई जो नाम इन्होंने दिया है उन पर दबाव बनाए। पुलिस क्या कर रही है फारेस्ट क्या कर रही है। मेन चीज कुछ भी तो नहीं हो रहा है।
रिपोर्टर- आपने इनके खिलाफ कार्रवाई की है। आपको डर नहीं लगता है। ऐसा करने पर ट्रांसफर होगा या अन्य कोई कार्रवाई हो सकती है। आपने इतनी सख्ती दिखाई है आपको डर नहीं लगता
राम सुरेश- मुझे किसी से कोई डर नहीं लगता है। मैंने केवल अपनी ड्यूटी की है। उनकी कालोनी में भी मेरा मकान है। सबकुछ है। हम डरने लगे तो हो गया फिर तो फारेस्ट की सर्विस
रिपोर्टर- तो मतलब आपने कार्रवाई के लिए पुलिस की होना चाहिए उसके लिए कोर्ट में मामला लगाया है
राम सुरेश – कोर्ट में लगाया है मैंने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति ,मुख्यमंत्री राज्यपाल और गृहमंत्री को भी शिकायत की है। यदि कार्रवाई नहीं हुई तो हम नौकरी छोड़ देंगे। पूरा प्रदेश का कर्मचारी मेरे साथ है।
रिपोर्टर- ठीक है पंडित जी धन्यवाद
राम सुरेश- हां।
यह है मामला
10 जनवरी को वनक्षेत्र महू की बड़गोंदा बीट के कक्ष क्रमांक 66 में अवैध रूप से खुदाई की जा रही थी। यहां पर बिना अनुमति के ही मुरम सड़क बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी। शिकायत प्राप्त होने पर इस मामले में कार्यवाई करते हुए एक जेसीबी क्रमांक एमपी 41 एचई 0576, ट्रैक्टर और ट्रॉली को जब्त कर प्रकरण कायम किया गया था और इन वाहनों को वन परिसर में खड़ा कर दिया गया था।
फारेस्ट विभाग द्वारा अवैध उत्खनन मामले में जब्त किए गए इन वाहनों को बाद में बीजेपी कार्यकर्ताओं और पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर द्वारा कथित तौर पर छुड़ा कर ले जाया गया था। इसके बाद राम सुरेश ने मंत्री सहित कई अन्य लोगों को नामजद कर बड़गोंदा थाने में आवेदन दिया था। इसके बाद वनमंत्री विजय शाह ने एक कमेटी का गठन किया जिसमें दो एपीसीसीएफ की कमेटी बनाई। राम सुरेश के अनुसार उन पर आवेदन में बदलाव का दबाव भी बनाया गया था। इसके बाद उनका तबादला कर दिया गया। जिससे आहत होकर उन्होंने हाईकोर्ट की इंदौर बैंच में आवेदन दिया है।