जोबट में उठापटक: क्या निष्ठा-समर्पण पर फिर भारी पड़ेगा दलबदल?

उपचुनाव में दलबदल का खेल शुरू, सुलोचना रावत ने बदला पाला।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में उपचुनावों का ऐलान होते ही सियासी उठापटक और दल बदल का खेल फिर शुरू हो गया है। जोबट विधानसभा सीट पर सुलोचना रावत अपने बेटे विशाल रावत के साथ कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा के साथ हो गई है। माना जा रहा है कि भाजपा सुलोचना रावत या उनके बेटे को अपना उम्मीदवार बना सकती है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या फिर भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं और टिकट के दावेदारों पर कांग्रेस नेता का दलबदल भारी पड़ेगा?

जोबट सीट कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के निधन से रिक्त हुई है। यहां कांग्रेस से भी सुलोचना रावत का दावा माना जा रहा था लेकिन कलावती भूरिया के खिलाफ साल 2018 में निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे उनके बेटे विशाल रावत के कारण दोनों को ही कांग्रेस का टिकट मिलना मुश्किल कहा जा रहा था।

कहा यह भी जा रहा है कि सुलोचना रावत उपचुनाव की तस्वीर बनने के साथ ही भाजपा नेताओं के संपर्क में थीं। सुलोचना इस सीट से तीन बार विधायक रह चुकी हैं और आदिवासी मतदाताओं पर उनके परिवार का प्रभाव भी माना जाता है। ऐसे में जोबट पर कब्जे के लिए भाजपा अब सुलोचना या विशाल रावत पर दांव लगा सकती है।

सवाल यह है कि जोबट विधानसभा सीट पर क्या भाजपा के पास ऐसा कोई चेहरा नहीं जिसे वह उपचुनाव में उतार सके? या भाजपा कार्यकर्ताओं और टिकट के दावेदारों पर अब हमेशा के लिए यह खतरा हो गया है कि चुनाव से ठीक पहले न सिर्फ किसी कांग्रेस नेता की पार्टी में एंट्री हो जाए और उसे चुनाव मैदान तक में उतार दिया जाए और सालों से समर्पित कार्यकर्ता को दलबदल कर आये उम्मीदवार के लिए जी जान लगाना पड़े।

कंग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने भी भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं को लेकर यह सवाल उठाया है-

विशाल रावत 2018 में कांग्रेस से बागी होकर चुनाव लड़े थे और उन्होंने करीब 31 हजार मत हासिल किए थे। जोबट सीट कांग्रेस का गढ़ कही जाती है। कांग्रेस यहां 11 बार जीत का परचम लहरा चुकी है जबकि भाजपा केवल दो बार इस सीट पर जीती है। ऐसे में भाजपा संगठन पूरी ताकत इस सीट पर लगा रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं।

दूसरी ओर सुलोचना रावत के रावत के बागी होने के बाद कांग्रेस अब सतर्क हो गई है। भाजपा के तेवर देख अब कांग्रेस यहां अपनी सीट बचाने पूरी ताकत लगा रही है। देखना यह है कि पार्टी यहाँ किसे अपना उमीदवार बनाती है।

वहीं कांग्रेस ने शनिवार को पृथ्वीपुर विधानसभा उप चुनाव के लिए उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है। पार्टी ने पूर्व मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर के बेटे नितेंद्र सिंह राठौर को प्रत्याशी बनाया है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। पृथ्वीपुर विधानसभा सीट बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन से रिक्त हुई है।

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