सिंधिया समर्थक जज्जी का जाति प्रमाण पत्र फर्जी, FIR के निर्देश-जाएगी विधायकी
जजपाल जज्जी की सदस्यता खत्म करने हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को लिखा पत्र
Ashok Chaturvedi
ग्वालियर (जोश होश डेस्क) ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायक जजपाल सिंह उर्फ जज्जी का जाति प्रमाण पत्र हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट ने अशोकनगर एसपी को फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में जजपाल जज्जी पर FIR दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही हाईकोर्ट की एकल पीठ ने जजपाल जज्जी की विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए भी विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को पत्र लिखा है।
जजपाल सिंह जज्जी ने अशोकनगर विधानसभा सीट से साल 2018 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। जज्जी ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र का उपयोग कर आरक्षित सीट से चुनाव लड़कर जीत दर्ज़ की थी।
इस चुनाव में जज्जी से हारे भाजपा के उम्मीदवार लड्डूराम कोरी ने हाईकोर्ट में जजपाल सिंह के जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की एकल पीठ के जज जीएस आहलूवालिया ने प्रमाण पत्र को गलत पाते हुए निरस्त कर दिया। साथ ही अशोक नगर एसपी को विधायक जजपाल सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
2018 के चुनाव के जुड़े इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना था था कि जज्जी वह मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं और कीर जाति पंजाब प्रांत में अनुसूचित जाति की श्रेणी में आती है, लेकिन मध्यप्रदेश में यह सामान्य वर्ग में आती है इसलिए जजपाल सिंह को मध्यप्रदेश में आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।
जजपाल सिंह कट्टर सिंधिया समर्थक हैं। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में वह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित अशोक नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। पर मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद अशोक नगर विधायक ने भी कांग्रेस से बगावत की थी। इसके बाद नवंबर 2020 में हुए उपचुनाव में उन्होंने भाजपा के टिकट पर अशोक नगर से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी। वर्तमान में वह भाजपा से विधायक हैं।