पोषण आहार घोटाला: झूठ परोसने की बजाय ज़िम्मेदारी तय करें CM शिवराज
पोषण आहार पर CAG रिपोर्ट को लेकर CM के बयान पर कमलनाथ ने उठाए सवाल
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में टेक होम राशन में महालेखाकार CAG रिपोर्ट के बाद शिवराज सरकार सवालों के घेरे में नज़र आ रही है। CAG रिपोर्ट के आधार पर पोषण आहार में बड़े घोटाले की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक आकलन के मुताबिक़ ही इसमें करीब 110 करोड़ रुपये का घोटाला बताया जा रहा है। अब इस रिपोर्ट पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा है।
प्रदेश के गृहमंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने तो इस रिपोर्ट पर ही सवाल उठा दिए हैं और रिपोर्ट को अर्धसत्य बताया है। वहीं पहली बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले पर चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि-ये CAG की अंतिम रिपोर्ट नहीं है। यह प्रारंभिक रिपोर्ट है, जिस पर अभी विभाग को अपना पक्ष प्रस्तुत करना है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह भी लिखा कि कांग्रेस ने पोषण आहार संयंत्रों को महिला स्व-सहायता समूहों से वापस लेने की कार्यवाही की थी। कांग्रेस शासनकाल में निम्न स्तर का पोषण देने पर 35 करोड़ की राशि रोकी गई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस संक्षिप्त टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि-शिवराज जी का मध्यप्रदेश के पोषण आहार महाघोटाले पर आख़िरकार तीन दिन के भारी चिंतन के बाद आज मौन टूटा है लेकिन अफ़सोस आज भी उन्होंने इस घोटाले पर कुछ नहीं कहा। पोषण आहार के उत्पादन ,परिवहन , वितरण से लेकर गुणवत्ता पर सामने आये फ़र्ज़ीवाडा पर आज भी कुछ नहीं बोला। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज जी अभी भी झूठ परोसने की बजाय इस महाघोटाले की सच्चाई को जनता के सामने स्वीकारें और इसकी ज़िम्मेदारी तय करें।
कमलनाथ ने CAG रिपोर्ट को लेकर भाजपा पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि आश्चर्य है कि कांग्रेस सरकारों के समय जिस CAG रिपोर्ट को आधार बनाकर भाजपा के नेता हंगामा मचाते आये है, वो आज इस महाघोटाले पर सामने आयी CAG रिपोर्ट को ही ख़ारिज करने में लगे है और दिल्ली के लिये इस रिपोर्ट को घोटाले उजागर करने वाली रिपोर्ट बता रहे है।
गौरतलब है कि रिपोर्ट जिन सरकारी दस्तावेज पर आधारित है उनमे दिखाया गया कि हजारों टन राशन को ट्रकों पर ढोया गया, लेकिन जिन ट्रकों का नंबर इन दस्तावेजों में दिया गया है वो फर्जी निकले हैं। यह खुलासा हुआ है कि जिन नंबरों को ट्रक का बताया गया है दरअसल वो नंबर मोटरसाइकल, कार, ऑटो और टैंकरों के हैं। प्रदेश के 6 जिलों में पोषण आहार के कारखाने हैं और उनमे जितना प्रोडक्शन कागजों पर दिखाया गया है असल में उतनी उनकी क्षमता ही नहीं है। बड़ी बात यह है कि महिला बाल विकास विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ही पास है