क्या शिवराज के 18 साल पर भारी पड़ रहा कमलनाथ का 15 महीने का कार्यकाल?
मुख्यमंत्री की रेस में शिवराज के सामने बेहद कड़ी चुनौती पेश कर रहे कमलनाथ
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए सियासी चौसर बिछ चुकी है। दोनों ही दल एक दूसरे को मात देने के लिए कमर कस चुके हैं। वहीं अब प्रदेश के मूूड को भांपने न्यूज चैनलों पर ओपीनियन पोल भी आने लगे हैं।
नेशनल न्यूज चैनल एबीपी ने मंगलवार को प्रदेश के चुनाव नतीजों को लेकर अपना ओपीनियन पोल टेलीकास्ट किया था। इसके मुताबिक प्रदेश में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बना रही है हालांकि भाजपा के साथ उसकी कांटे की टक्कर भी ओपीनियन पोल में बताई गई है।
इस पोल की सबसे अहम बात यह रही कि जब जनता से यह जाना गया कि मुख्यमंत्री के रूप में वह किस चेहरे को पसंद कर रहे हैं तो इसका जवाब चौंकाने वाला दिखा। ओपीनियन पोल के मुताबिक मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान को 37 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को 36 प्रतिशत लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया।
यह आंकड़ा इस बात का संकेत माना जा रहा है कि 18 साल के कार्यकाल के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता जिस स्तर पर है कमोबेश उतनी ही लोकप्रियता मुख्यमंत्री की पसंद के रूप में कमलनाथ ने केवल अपने 15 महीने के कार्यकाल में ही हासिल कर ली।
अक्सर यह देखा जाता है कि चुनाव से पहले किसी भी प्रदेश का मुख्यमंत्री ही जनता की पहली पसंद होता है और नेता प्रतिपक्ष मुख्यमंत्री की पसंद के रूप में उससे काफी पीछे नजर आता है लेकिन इस पोल में यह अंतर केवल एक प्रतिशत ही है जो यह बता रहा है कि कमलनाथ मुख्यमंत्री की रेस में शिवराज के सामने बेहद कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं।
प्रदेश के सियासी जगत में इस फैक्टर को कांग्रेस के पक्ष में बड़ा संकेत माना जा रहा है। चुनावी पंडित पहले ही यह कहते नजर आ रहे हैं कि इस बार प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल है और भाजपा को एंटीइन्कबेंसी और गुटबाजी के कारण बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि इस बार कांग्रेस कमलनाथ की लीडरशिप में सधी हुई रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरती नज़र आ रही है जिसका फायदा चुनाव नतीजों में सामने आ सकता है।