भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के आवास पर आयोजित पार्टी नेताओं की बड़ी बैठक में विधानसभा चुनाव की रूपरेखा तय कर एक बड़ा निर्णय लिया गया। बैठक में सभी नेताओं ने एकजुट होकर तय किया कि प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कमलनाथ के नेतृत्व में ही मैदान में उतरेगी।
कमलनाथ ने सोमवार शाम प्रदेश के सभी दिग्गज नेताओं और पूर्व मंत्रियों को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया था। यहां अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर मंथन किया गया। बैठक में सभी नेताओं ने एक सुर में कमलनाथ के नेतृत्व में भरोसा जताया और तय किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ही कांग्रेस का चेहरा होंगे।
इसके साथ ही प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व को लेकर चल रही अटकलों पर पूरी तरह से विराम लग गया। प्रदेश में भाजपा के मज़बूत संगठन से मुकाबला करने के लिए यह जरूरी भी है कि कांग्रेस में चुनाव से पहले किसी तरह के संशय में न रहे। चेहरे को लेकर चली दुविधा और विवाद के चलते ही पंजाब में पार्टी को अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पाए थे।
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ऐसे में चुनाव से 18 महीने पहले ही कमलनाथ का चेहरा तय होना पार्टी के लिए बेहतर नतीजे देने वाला साबित हो सकता है। चेहरा तय होने के बाद पार्टी ने अब शिवराज सरकार की नीतियों पर मुखर होकर जनता के बीच जाने का फैसला लिया है। जनता से जुड़े मुद्दों का पूरी ताकत से उठाकर उनके साथ जनता को जोड़ने के लिए भी बैठक में मंथन हुआ।
बैठक में कमलनाथ ने भी जनता से जुडे मुद्दों को जन आंदोलन में बदलने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में अब महज 18 महीने ही बचे हैं। ऐसे में पूरी ताकत से चुनाव की तैयारियों में जुटना होगा। उन्होंने प्रदेश की बदहाल आर्थिक स्थिति, भ्रष्टाचार, व्यापमं घोटालों से रोजगार खोते युवाओं, महंगाई से त्रस्त महिलाओं और किसानों के मुद्दों पर पूर्व मंत्रियों से व्यापक जन आंदोलन प्रारंभ करने को कहा।
बैठक के बाद कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी कांग्रेस के विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के चेहरे के साथ ही उतरने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनांदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली गई है और अब विधानसभा चुनाव तक ये आंदोलन लगातार जारी रहेंगे।
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कांग्रेस के लिहाज से बैठक की सबसे अच्छी बात यह रही कि पार्टी में गुटबाजी की खबरों को प्रदेश के नेताओं ने ही खारिज किया। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बैठक में कमलनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने की बात कही। वहीं अन्य वरिष्ठ नेताओं ने कमलनाथ द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी पर खरा उतरने का भरोसा दिलाया।
बैठक में राज्यसभा सांसद दिग्जिवय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री गोविंद सिंह, तरुण भनोत, सज्जन सिंह वर्मा, विजयलक्ष्मी साधौ, जीतू पटवारी, पीसी शर्मा, जयवर्धन सिंह, प्रियव्रत सिंह, बाला बच्चन, लखन घनघोरिया के अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति भी मौजूद रहे। इन नेताओं की मौजूदगी में कमलनाथ का चेहरा तय होना विधानसभा चुनाव के लिए उठा कांग्रेस का पहला बड़ा कदम माना जा रहा है।