खाद की लाइन में मौत, सच स्वीकारने की बजाय परोस रही झूठ सरकार
खाद की किल्लत के सच पर पर्दा डालने के प्रयास पर भड़के कमलनाथ, शिवराज सरकार पर उठाये सवाल
Ashok Chaturvedi
गुना/भोपाल (जोशहोश डेस्क) सरकार के लाख दावों के बाद भी प्रदेश में खाद की किल्लत काम होने का नाम नहीं ले रही। खाद के लिए किसान को घंटों लाइन में लगने को मजबूर हैं और ये मज़बूरी किसानों के लिए जानलेवा भी साबित हो रही है। गुना के कुम्भराज में शुक्रवार को ऐसा ही हुआ।
खाद वितरण केंद्र पर लाइन में लगे किसान रामप्रसाद को चक्कर खाकर गिर पड़ा और अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया। त्यौहार के समय किसान के घर मातम है तो उसका कारण बना खाद का इंतजार।
किसानों के आक्रोश, विपक्ष के प्रदर्शन के बाद भी सरकार ‘आल इज़ वेल’ के दावे कर रही है। सच को स्वीकारने के बजाय सच पर पर्दा डालने के प्रयास पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार की तीखी आलोचना की है।
गुना के कुंभराज में हुए घटनाक्रम पर कमलनाथ ने ट्वीट किया कि- प्रदेश के गुना ज़िले के कुंभराज में एक किसान रामप्रसाद की खाद के इंतज़ार में चिलचिलाती धूप में घंटो लाइन में लगे लगे ही चक्कर खाकर गिरने से मौत हो गयी। यह वास्तविकता है और सरकार इस सच्चाई को स्वीकारने की बजाय अभी भी झूठ परोसने में लगी हुई है। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि इस किसान के परिवार की हर संभव मदद की जाये, इसके दोषियों पर कार्यवाही हो, खाद की पर्याप्त उपलब्धता को लेकर तत्काल आवश्यक सभी कदम उठाये जावे।
कमलनाथ ने कहा कि सरकार के मुखिया मंत्रालय में बैठकर खाद की समीक्षा करते हैं और कहते है कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है, पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध है, जबकि मैदानी स्थिति इसके उलट है।प्रदेश में किसान खाद के लिये परेशान है, कई-कई दिन तक लाइन में लगने के बाद भी उसे खाद नहीं मिल पा रही है।
गौरतलब है कि गुना जिले के कुंभराज में 38 वर्षीया किसान रामप्रसाद चिलचिलाती धूप में खाद के लिए लाइन में लगे हुए थे। रामप्रसाद के भाई कल्याण ने बताया कि खाद के लिए चार घंटे से बिना पानी के लाइन में लगे रामप्रसाद को चक्कर आ गया। बेहोशी की अवस्था में ही रामप्रसाद को हॉस्पिटल के लेकर निकले लेकिन रास्ते में ही रामप्रसाद ने प्राण त्याग दिए। किसानों की मानें तो गुना जिले में खाद वितरण की स्थिति बेहद गंभीर है। किसानों को सुबह छह बजे से खाद वितरण केंद्रों पर लाइन में लगना पड़ रहा है।इसके बाद भी खाद मिलने की कोई गांरटी नहीं है।