कमलनाथ का बड़ा ऐलान, निकाय चुनाव में 27% टिकट OBC कैंडिडेट को
कमलनाथ ने नगरीय निकाय चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर शिवराज सरकार को घेरा
Ashok Chaturvedi
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (फाइल फोटो)
भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिवराज सरकार जहां सवालों के घेरे में है, वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बुधवार को एक बड़ा ऐलान कर दिया। कमलनाथ ने कहा है प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस 27 प्रतिशत टिकट ओबोसी कैंडिडेट को देगी। नगरीय निकाय चुनाव के लिए कमलनाथ के इस ऐलान को प्रदेश में चल रही ओबीसी सियासत के मद्देनजर बेहद अहम माना जा रहा है।
कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर शिवराज सरकार को निशाने पर भी लिया। उन्होंने ‘अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गयी खेत’ मुहावरे के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कटाक्ष भी किया किया।
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को संबोधित करते हुए कहा कि शिवराज जी, जब आपके पास सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिये पर्याप्त समय था, तब तो आपकी सरकार ने कुछ किया नही , आधी- अधूरी रिपोर्ट व आधे-अधूरे आँकड़े पेश किये…जिसके कारण ओबीसी वर्ग का हक़ मारा गया और प्रदेश में बग़ैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव का निर्णय सामने आया।
उन्होंने लिखा कि अब आप भले अपनी विदेश यात्रा निरस्त करे या कुछ भी कहे लेकिन आपकी सरकार के नाकारापन का ख़ामियाज़ा तो ओबीसी वर्ग के नुक़सान के रूप में सामने आ ही चुका है। अब कांग्रेस ने तय किया कि आगामी निकाय चुनाव में हम 27% टिकट पिछड़े वर्ग को देंगे। आपने जो ज़ख़्म दिये हैं, अब वो किसी भी दवा से ठीक होने वाले नही है। प्रदेश का ओबीसी वर्ग इस सच्चाई को जान चुका है, अब वो आपके किसी भी गुमराह करने वाले झाँसे में आने वाला नही है।
गौरतलब है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश में आगामी पंचायत एवं नगर पालिका के चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराए जाने का फैसला सुनाया था। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा पेश की गई ओबीसी की रिपोर्ट को अधूरा भी बताया था। कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को दो हफ्ते में अधिसूचना जारी करने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने ये भी कहा था कि पिछले दो साल से स्थानीय निकायों के करीब 23 हजार पद खाली हैं और हर पांच साल में चुनाव कराना सरकार का संवैधानिक दायित्व है। आरक्षण के ट्रिपल टेस्ट को पूरा करने के लिए और समय नहीं दिया जा सकता।
हालाँकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिव्यू पिटीशन लगाने की बात कही है। बुधवार को ही प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से कहा कि पिछड़े वर्ग के हितों के लिए मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार कृत संकल्पित है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट के विषय को गंभीरतापूर्वक लेकर अपनी विदेश यात्रा स्थगित की है। उन्होंने कांग्रेस पर पिछड़ों को गले लगाकर पीठ में छुरा भोंकने का आरोप भी लगाया।