भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश के पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट से लगी रोक को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार की नीति और नियत पर सवाल उठाए हैं। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि प्रदेश की शिवराज सरकार ओबीसी का आरक्षण समाप्त करना चाहती है। इसीलिए जानबूझकर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया ही इस तरह बनाई गई कि उसमें बहुत सारी संवैधानिक कमियां रह जाएं और भारतीय जनता पार्टी के नेता इस मामले में सिर्फ झूठा प्रचार कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यह बात रविवार को अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में कही। कमलनाथ ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट से लगी रोक के संबंध में कहा कि याचिकाकर्ताओं के वकील रोटेशन लागू कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण निरस्त करने का फैसला सुनाया तो उस समय उस पर अपना पक्ष रखने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग और मध्य प्रदेश सरकार के वकीलों की थी। यह वकील माननीय न्यायालय में उपस्थित थे लेकिन उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सरकार का कोई पक्ष नहीं रखा।
कमलनाथ ने कहा कि इस घटना से साफ है कि मध्य प्रदेश की सरकार जानबूझकर ओबीसी का आरक्षण समाप्त करना चाहती है। इसीलिए जानबूझकर पंचायत चुनाव की प्रक्रिया ही इस तरह बनाई गई कि उसमें बहुत सारी संवैधानिक कमियां रह जाएं। कमलनाथ ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेता सिर्फ झूठ प्रचार करने में लगे हुए हैं। भाजपा हमेशा से ओबीसी विरोधी पार्टी रही है और कांग्रेस ने ही हमेशा ओबीसी वर्ग को प्रदेश और देश में अधिकार दिए हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने ही सबसे पहले 1980 में ओबीसी को अधिकार देने के लिए राम जी महाजन आयोग का गठन किया था। कांग्रेस की दिग्विजय सिंह सरकार में पहली बार ओबीसी को 14% आरक्षण दिया गया था। कांग्रेस सरकार ने ही 2003 में ओबीसी आरक्षण बढ़ाकर 27% किया था। उसके बाद से बनी भाजपा सरकारों ने इस आरक्षण को समाप्त हो जाने दिया और ओबीसी को आरक्षण देने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
कमलनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने 2019 में फिर से ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जिसे उच्च न्यायालय में बहुत खराब पैरवी कर के शिवराज सिंह चौहान सरकार खत्म कराना चाहती है। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव के संबंध में कमलनाथ ने कहा सुप्रीम कोर्ट में अवकाश चल रहा है ऐसे में सरकार अगर वाकई ओबीसी के आरक्षण के साथ चुनाव कराना चाहती है तो उसे तत्काल सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटिशन लगानी चाहिए, इस काम में कांग्रेस पार्टी सरकार का पूरा सहयोग देगी।
भाजपा आरक्षण विरोधी पार्टी
कमलनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को झूठ और पाखंड फैलाने की जगह ओबीसी वर्ग को अधिकार देने के बारे में सोचना चाहिए। लेकिन भारतीय जनता पार्टी सिर्फ आरक्षण समर्थन का दिखावा करती है जबकि उसके मन में ओबीसी विरोध भरा हुआ है। भाजपा आरक्षण विरोधी पार्टी है और कांग्रेस पार्टी उसकी इस मंशा को कभी पूरा नहीं होने देगी। कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता ओबीसी के आरक्षण को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देगा।
विवेक तन्खा ने भेजा 10 करोड़ का मानहानि नोटिस
दूसरी ओर ओबीसी आरक्षण मामले पर राज्य सभा सदस्य विवेक तन्खा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह को 10 करोड़ रुपये का मानहानि का नोटिस भेजा है। तीनों को भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि ओबीसी आरक्षण मामले पर भाजपा के आरोपों से विवेक तन्खा की छवि धूमिल हुई है।