खुलने लगी महाकाल लोक में भ्रष्टाचार की परतें, कमलनाथ ने उठाई जांच की मांग
कमलनाथ ने भी महाकाल लोक के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को लेकर शिवराज सरकार पर उठाये सवाल
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) महाकाल परिसर के विस्तार की योजना के तहत निर्मित महाकाल लोक के निर्माण में अनियमितताओं के मामले सामने आने लगे हैं। कांग्रेस के विधायक महेश परमार द्वारा महाकाल लोक के निर्माण में भ्रष्टाचार की शिकायतों के बाद लोकायुक्त ने उज्जैन कलेक्टर और दो आईएएस समेत 15 लोगों को नोटिस जारी किया है। अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी महाकाल लोक के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
विधायक महेश परमार ने लोकायुक्त में शिकायत दर्ज़ कराई थी कि अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग कर एक ठेकेदार को वित्तीय लाभ पहुंचाया है। इसके बाद लोकायुक्त ने अधिकारियों को नोटिस जारी कर 28 अक्टूबर तक जवाब देने के लिए कहा है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी महाकाल लोक के निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार को लेकर शिवराज सरकार पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार में हर योजना, हर काम में भ्रष्टाचार के मामले सामने आते है। उन्होंने महाकाल लोक में भ्रष्टाचार की ख़बरों को चिंताजनक बताते हुए कहा है कि निष्पक्ष जांच की मांग की है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक महाकाल लोक में एक घटिया गुणवत्ता वाली पार्किंग का निर्माण किया गया था और ठेकेदारों ने अनुचित बिल बनाए थे, जिन्हें सक्षम अधिकारियों ने सही जांच के बिना ही मंजूरी दे दी। लोकायुक्त ने इन अधिकारियों को नोटिस जारी कर कहा है कि शिकायतकर्ता की तरफ से जो आरोप लगाए हैं, वह प्रारंभिक जांच में सही पाए गए हैं।
अब इस मामले में लोकायुक्त ने उज्जैन कलेक्टर और स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष आशीष सिंह, उज्जैन स्मार्ट सिटी के तत्कालीन सीईओ क्षितिज सिंह और तत्कालीन आयुक्त अंशुल गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस भेजा है।
गौरतलब है कि महाकाल लोक परियोजना पर 856 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। इसके पहले चरण में 316 करोड़ रुपये की लागत से महाकाल लोक कॉरिडोर को विकसित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक का लोकार्पण 11 अक्टूबर को किया था। इस प्रोजेक्ट का निर्माण उज्जैन स्मार्ट सिटी कर रही है। इसका उद्देश्य महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के इलाके का विकास और ऐतिहासिक चीजों को संरक्षित करना है।