MP आदिवासी अत्याचार में नंबर-1, सरकार को नहीं गौरव दिवस का नैतिक अधिकार
शिवराज सरकार द्वारा जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन पर भड़के कमलनाथ, MP सरकार को बताया फरेबी और नौटंकीबाज़
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी आदिवासी गौरव दिवस मना रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा आदिवासी समुदाय के विरुद्ध कार्य करती है। आदिवासी अत्याचार में मध्यप्रदेश को देश में नंबर वन बनाने वाली और विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश समाप्त करने वाली भाजपा सरकार को आदिवासी गौरव दिवस मनाने का नैतिक अधिकार नहीं है।
यह बात मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि बीजेपी एक तरफ़ आदिवासी गौरव दिवस मना रही है, दूसरी तरफ़ मध्य प्रदेश आदिवासी अत्याचारों में पूरे देश में नंबर वन है। प्रदेश अब तक नेमावर की वह घटना नहीं भुला पाया है, जिसमें पूरे आदिवासी परिवार की जघन्य हत्या कर उन्हें जमीन में गाड़ दिया गया था। बीजेपी के गौरव दिवस की हक़ीक़त ये है कि आदिवासी महिलाओं पर मध्य प्रदेश में सर्वाधिक अत्याचार होते हैं।
कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार में पिछले 20 सालों से पेसा क़ानून लागू नहीं हो पाया है। मध्यप्रदेश में एक लाख से अधिक बैकलाग के पद ख़ाली पड़े हैं, जिसको भरने में प्रदेश की भाजपा सरकार की कोई रुचि दिखायी नहीं देती है, वह तो केवल आदिवासी वर्ग सहित सभी वर्गों को झूठ, फरेब और विज्ञापनों से भ्रमित करने में लगी हुई है।
शिवराज सरकार पर सवाल उठाते हुए कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के गौरव दिवस की हक़ीक़त ये है कि वन उपज संग्राहकों का 2 लाख तक का बीमा किया जाता था, जो बंद कर दिया गया। वहीं वन अधिकार अधिनियम में 6 लाख आवेदन आये, जिसमें 3.25 लाख आवेदन निरस्त कर दिये गये, 52 प्रतिशत आवेदन निरस्त करने का मतलब है कि सरकार आदिवासियों को जल, जंगल की ज़मीन पर अधिकार देना ही नहीं चाहती।
कमलनाथ ने आगे कहा कि कहा कि पूरे प्रदेश में वन समितियाँ निष्क्रिय पड़ी हैं। उन्हें बजट नहीं दिया जा रहा है। कुछ बजट मिलता भी है तो शिवराज सरकार श्रेय के नाम पर अपने राजनीतिक कार्यक्रमों, इंवेट में खर्च कर देती है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर अब आदिवासी वर्ग इस झूठी, फरेबी और नौटंकीबाज़ सरकार की हक़ीक़त जान चुका हैं। मध्यप्रदेश का आदिवासी कांग्रेस के साथ तो रहा ही है, अब गुजरात का आदिवासी भी बीजेपी के खिलाफ सड़कों पर उतर गया है। भाजपा को अब समझ लेना चाहिए कि आदिवासी वर्ग को भ्रमित करने से उन्हें कुछ हासिल होने वाला नहीं है। भाजपा नौटंकी और इंवेंट की राजनीति छोड़ धरातल पर कुछ करके दिखाये।
गौरतलब है कि 15 नवंबर को आदिवासी नायक बिरसा मुंडा के जन्म-दिवस पर शहडोल के लालपुर में राज्य-स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सोमवार को तैयारियों का जायजा लेने शहडोल पहुंचे थे। यहाँ उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जनजातीय गौरव दिवस मध्यप्रदेश आ रही है। राष्ट्रपति बनने के बाद उनकी यह पहली मध्यप्रदेश की यात्रा है। हम उनका शहडोल में भव्य स्वागत करें और कार्यक्रम को ऐतिहासिक, अभूतपूर्व एवं गरिमामयी स्वरूप प्रदान करें।