वीकली ऑफ-चुनावी चाल, CM शिवराज को 18 साल बाद याद आए पुलिसकर्मी?
पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बताया चुनावी चाल
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश के पुलिसकर्मियों को सोमवार से आख़िरकार वीकली ऑफ मिलना शुरू हो गया है। कमलनाथ की सरकार ने इसके लिए साल 2019 में पहल की थी जिस पर अब शिवराज सरकार ने अमल किया है। पुलिसकर्मियों के हित में लिए गए इस निर्णय को अब चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
पुलिसकर्मियों को मिलना शुरू हुए साप्ताहिक अवकाश को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चुनावी चाल बताया है। उन्होंने लिखा कि मैंने मुख्यमंत्री के रूप में जनवरी 2019 में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को यह अधिकार दिया था, लेकिन शिवराज सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों से उनका यह अधिकार छीन लिया गया था।
कमलनाथ ने आगे लिखा कि यह बात इसलिए याद दिला रहा हूं कि नीयत को समझना जरूरी है। भाजपा को 18 साल तक साप्ताहिक अवकाश की याद नहीं आई। साप्ताहिक अवकाश बहाल कर शिवराज सरकार पुलिसकर्मियों के साथ किए गए अन्याय का प्रायश्चित करने की कोशिश कर रही है। अगर यह प्रायश्चित सच्चे दिल से होता, तब भी कोई बात थी, लेकिन पुलिसकर्मी अच्छी तरह जानते हैं कि यह तो मामा की चुनावी चाल है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 7 अगस्त से पुलिसकर्मियों के साप्ताहिक अवकाश की व्यवस्था लागू हो गई है। प्रतिदिन औसतन 14 प्रतिशत मैदानी अमला साप्ताहिक अवकाश पर रहेगा। रविवार शाम ड्यूटी खत्म कर घर लौटने वाले ट्रैफिक स्टाफ को अधिकारियों ने फूल देकर अवकाश पर रवाना किया।