अधिकरियों-कर्मचारियों का औचक निरीक्षण में निलंबन, एक्शन या इवेंट?
सीएम शिवराज मंच से ही अधिकारियों-कर्मचारियों को कर रहे सस्पेंड, एक्शन पर उठ रहे सवाल
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों जिलों में औचक निरीक्षण करते नजर आ रहे हैं। इस दौरान सीएम शिवराज मंच से ही उन अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर रहे हैं, जिनके खिलाफ उन्हें शिकायतें मिल रही हैं। अब सीएम शिवराज के इस एक्शन पर सवाल उठ रहे हैं और इसे एक सियासी इवेंट तक बताया जा रहा है।
बीते सप्ताह ही प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों पर भरे मंच से निलंबन की लगातार गाज गिरी है। सीएम शिवराज फ़िल्मी अंदाज में भरे मंचों से ऐसी कार्रवाई को अंजाम देते हुए चेता रहे हैं कि भ्रष्टाचार और लापरवाही को किसी भी कीमत पर किसी भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दूसरी ओर सीएम शिवराज की इस कार्रवाई को लेकर सियासी और प्रशासनिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हैं। एक ओर यह कहा जा रहा है कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज अपनी छवि को बदलना चाहते हैं। वहीं अधिकारियों और कर्मचारियों में भी दबी आवाज में CM शिवराज द्वारा लिए जा रहे एक्शन पर अंसतोष की खबरे भी सामने आने लगी हैं। यह भी कहा जा रहा है निलंबन केवल दिखावे की कार्रवाई है।
यहाँ तक कि हाल ही में एक ऐसा भी वीडियो भी वायरल हो गया था जहाँ CM शिवराज के अचानक दौरे पर पहुँचने पर मीडिया के न रहने पर वे एक जनसंपर्क अधिकारी को भी डपटते नज़र आ रहे थे। इस वीडियो को लेकर भी मुख्यमंत्री शिवराज की कार्यशैली पर सवाल उठाये गए थे।
अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी बुधवार को भ्रष्टाचार पर CM शिवराज द्वारा की जा रही कार्रवाई को इवेंट करार दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने विभागों के लिए जिम्मेदार मंत्रियों से इस तरह के भ्रष्टाचार पर सवाल किया है? क्या वे भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले मंत्रियों पर सख्त कार्रवाई करने की हिम्मत रखते हैं?
कमलनाथ ने लिखा कि मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार में अव्वल बनाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को बहुत ईमानदार और सख्त दिखाने का अभिनय कर रहे हैं। आए दिन किसी सरकारी कार्यक्रम में मंच से अधिकारियों को डांटने या निलंबित करने की एक्टिंग कर रहे हैं। असल में मुख्यमंत्री अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए यह सब नाटक कर रहे हैं। वे तो सिर्फ विधानसभा चुनाव से पहले अधिकारी और कर्मचारियों पर सत्ता का दबाव बनाना चाहते हैं ताकि चुनाव के समय वे प्रशासन का दुरुपयोग कर सकें और ईमानदार अधिकारियों में भय पैदा कर दें। मैं मुख्यमंत्री को स्पष्ट बताना चाहता हूं कि ईमानदार सरकारी कर्मचारियों का इस तरह का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।