भोपाल (जोशहोश डेस्क) केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे कृषि कानूनों का विरोध अब मध्यप्रदेश में भी जोर पकड़ रहा है। गुरुवार को प्रदेश के कई शहरों में किसानों ने दिल्ली में हुए ट्रैक्टर मार्च के समर्थन में और कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली निकाली। लेकिन मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं।
कई जगहों पर ट्रैक्टर रैली निकाली जा रही है तो कहीं भाजपा नेताओं को डिबेट करने के लिए बुलाया जा रहा है। कुछ स्थानों में किसान गीत गा कर सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज करवा रहे हैं।
प्रदेश के कई हिस्सों में कांग्रेस ने भी किसानों के साथ कृषि कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोला है। गुरुवार को छिंदवाड़ा में कांग्रेस कमेटी ने विशाल ट्रैक्टर रैली निकाली। साथ ही देवास में भी पूर्व मंत्री सज्जन सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव सहित कांग्रेसियों ने रैली निकाली। इस दौरान देवास में बेरिकेड तोड़ कर आगे बढ़ रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प की स्थिति भी बनी।
मुरैना
एक तरफ देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान संगठनों को कृषि कानूनों के फायदे समझाने में उन्हें विरोध वापस लेने के लिए समझा रहे हैं दूसरी तरफ उनके ही संसदीय क्षेत्र मुरैना से सैकड़ों किसान कृषि बिल का विरोध करने दिल्ली कूच कर चुके हैं। मुरैना के एकता परिषद के अध्यक्ष पीवी राज गोपाल निरंतर यात्राएं करके किसानों को दिल्ली ले जा रहे हैं। उनके नेतृत्व में कृषि कानूनों के विरोध में दिसंबर के अंतिम सप्ताह में मुरैना से किसानों का दल दिल्ली गया था।
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हरदा
कृषि बिल के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में हरदा जिले के सभी किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं हरदा की एक सात साल की बेटी सानिका पटेल दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन दिए अपने भाषण की वजह से चर्चा में आई थी। उन्होंने सत्ता को ललकारते हुए कहा था कि – हुकूमत होश में आ जाए मत छेड़ किसान से लड़ना मुश्किल होगा, ऐसा लिखेगा कि इतिहास पढ़ना मुश्किल होगा।
सीहोर
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में भी किसान कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। सीहोर जिले के चंदेरी गांव में किसानों ने कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए और किसान आंदोलन के समर्थन के लिए अनोखा तरीका अपनाया है। जिले के चंदेरी गांव के किसानों ने किसान आंदोलन के समर्थन में एक गीत तैयार किया है। जिसे किसान एम एस मेवाड़ा ने तैयार किया है। गीत को किसानों का समूह गांव के चौपालों में घूम-घूम कर गा रहा है। गीत के बोल हैं – सुन लो देशवासियों एक सच्ची बात बताते हैं, दुनिया ने किए अत्याचार बहुत हम किसानों को समझाते हैं, किसान बिल नहीं भर पाते कर्जा सर पर चढ़ जाता है, ब्याज को लगाकर वह लंबा बिल बनाते हैं।
बड़वानी
बड़वानी और खरगोन जिले में जागृत आदिवासी दलित संगठन द्वारा लगातार कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। किसानों की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को वापिस लिया जाए।
देवास
देवास जिले के खातेगांव में भी अनोखे तरीके से कृषि कानूनों का विरोध किया जा रहा है। खातेगांव में भारतीय किसान यूनियन भाजपा के नेताओं को कृषि कानूनों के ऊपर डिबेट करने के लिए आंमत्रित कर रही है। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ की छात्र इकाई के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत रघुनाथ के अनुसार 10 जनवरी रविवार को खातेगांव मंडी में कृषि कानूनों पर डिबेट रखी गई है, जिसमें डिबेट करने के लिए भाजपा नेताओं को बुलाया गया है।
कांग्रेस कर रही प्रदेश भर में प्रदर्शन
किसानों के साथ कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस ने भी मोर्चा खोला हुआ है। गुरुवार को कांग्रेस ने कई जिलों में ट्रैक्टर मार्च निकाला। कांग्रेस अलग-अलग जिलों में 15 तारीख तक प्रदर्शन करेगी। वहीं 15 जनवरी को चक्काजाम करने की तैयारी है।
23 जनवरी को कांग्रेस भोपाल में प्रदर्शन करते हुए राजभवन का घेराव करेगी।