परिवार समेत जहर खाने वाले संजीव की भी मौत, ICU में चेक देने पर FIR की मांग
ऑटो पार्ट्स व्यापारी संजीव जोशी ने 25 नवंबर की रात में अपनी मां और पत्नी के अलावा दो बेटियों के साथ कोल्ड ड्रिंक्स में जहर मिलाकर पी लिया था।
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) सूदखोरों की प्रताड़ना से त्रस्त आकर परिवार समेत जहर खाने वाले संजीव जोशी का भी शनिवार देर रात निधन हो गया। उनकी दोनों बेटी और मां पहले ही दम तोड़ चुकी हैं। पत्नी की हालत भी गंभीर बताई जा रही है। दूसरी ओर कांग्रेस ने आर्थिक मदद का चेक देने में ICU प्रोटोकाल के उल्लंघन का आरोप लगा ज़िम्मेदार डॉक्टर्स,अस्पताल प्रबंधन,भाजपा नेताओ पर प्रकरण दर्ज किये जाने की मांग की है।
राजधानी के आंनद नगर निवासी ऑटो पार्ट्स व्यापारी संजीव जोशी ने 25 नवंबर की रात में अपनी मां और पत्नी के अलावा दो बेटियों के साथ कोल्ड ड्रिंक्स में जहर मिलाकर पी लिया था। इसके बाद शुक्रवार को उनकी एक बेटी और मां ने दम तोड़ दिया था और शनिवार सुबह दूसरी बेटी भी चल बसी थी।
खबर सामने आने के बाद सरकार की ओर से विधायक कृष्णा गौर आर्थिक मदद का चेक लेकर अस्पताल पहुँची थीं। गंभीर अवस्था में संजीव को चेक देते हुए कृष्णा गौर की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी जिस पर सरकार के साथ विधायक कृष्णा गौर को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
संजीव जोशी की मौत के बाद विधायक कृष्णा गौर द्वारा आईसीयू में चेक देने का विवाद गहरा गया है। कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ICU प्रोटोकाल का उल्लंघन होने की बात कहते हुए ज़िम्मेदार डॉक्टर्स,अस्पताल प्रबंधन,भाजपा नेताओ पर तत्काल प्रकरण दर्ज किये जाने की मांग की है-
पुलिस ने इस मामले में संजीव जोशी के परिवार को प्रताड़ित करने वाली सूदखोर गैंग की सरगना बबली दुबे समेत तीन अन्य को गिरफ्तार कर लिया है। संजीव ने अपने बयान में बताया था कि उसकी पत्नी अर्चना की किराने की दुकान चलाती थी। अर्चना ने बबली से करीब 3 लाख 70 हजार रुपए ब्याज पर लिए थे।
क़र्ज़ वसूली के लिए बबली अक्सर संजीव के घर पहुंचकर विवाद करती थी। संजीव उसे 80 हजार रुपए दे भी चुका था। इसकी बाद भी बबली और उसके परिचित परिवार को बार-बार पैसे के लिए प्रताड़ित कर रहे थे। जिससे त्रस्त आकर पूरे परिवार ने गुरुवार रात जहर मिलाकर कोल्ड ड्रिंक पी ली थी।
वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सूदखोरों की निगरानी के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा था कि कर्ज देने वालों के लिए लाइसेंस को सख्ती से पालन कराया जाए। उन्होंने कहा था कि कर्ज देकर जोर जबर्दस्ती पैसे वसूलना और आत्महत्या के मजबूर तक कर देना सहन नहीं किया जाएगा।