ट्विटर पर ट्रैंड कर रहा सौ रुपये लीटर दूध, मध्यप्रदेश में भी बढ़ रहे हैं दाम

इंदौर (जोशहोश डेस्क) भारत में ट्विटर पर इस समय दूध 100 रुपये लीटर ट्रैंड कर रहा है। यह केवल सामान्य ट्वीट्स नहीं हैं दरअसल किसानों ने दूध पर बारह रुपये प्रति लीटर बढ़ाने की मांग की है। यह मांग किसानों ने अपने लिये की है। ऐसे में दूध ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते कितने रुपये का होगा यह अंदाजा लगाना फिलहाल मुश्किल है।

किसानों के मुताबिक उन्हें अब दूध के सही दाम चाहिये हैं क्योंकि मौजूदा दरों में उन्हें दूध के व्यापार में कोई लाभ नहीं है। पिछले दिनों संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया था कि एक मार्च से किसान दूध के दामों में 12 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी करेंगे। यह बढ़ोत्तरी पूरी तरह लागू होने की खबर तो अब तक नहीं आई लेकिन बहुत से स्थानों पर दूध के दाम बढ़ने लगे हैं।

इसे लेकर अब ट्विटर पर किसानों और उनके संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। सुबह ग्यारह बजे तक ही इसे लेकर करीब तीस हजार से अधिक ट्वीट किये जा चुके हैं।

वहीं लोग भी इस ट्रैंड से परेशान नज़र आ रहे हैं और बढ़ती महंगाई का हवाला दे रहे हैं।

मध्यप्रदेश की अगर बात करें तो दूध के दाम बढ़ने शुरु हो गए हैं। यहां रतलाम से खबर आ रही है। यहां दूध के दाम तीन रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाए जा रहे हैं। व्यापारियों ने इसकी घोषणा कर दी है। हालांकि यह दाम एक अप्रैल से लागू होंगे। जिसके बाद यहां दूध 49 रुपये प्रति लीटर की दर पर मिलेगा।

किसान संगठन के ऐलान के बाद  शुक्रवार को इसे लेकर व्यापारियों की बैठक हुई। इसमें व्यापारियों के बीच दूध के दाम तीन रुपये ही बढ़ाने का निर्णय लिया है।

सबसे बड़ी आबादी वाले इंदौर शहर में अब तक तो दूध के दाम नहीं बढ़े हैं लेकिन देर सबेर यहां भी दाम बढ़ सकते हैं। यहां दूध के  दाम तय करने वाले संगठन के भरत मथुरावाला के मुताबिक फिलहाल दाम बढ़ाने को लेकर कोई बैठक नहीं हुई है। यहां करीब 13-14 लाख लीटर दूध की खपत होती है।

मध्यप्रदेश के और भी शहरों में दूध के दाम बढ़ाए जाने पर व्यापारियों और किसानों की बैठकों की चर्चा है। किसान दाम बढ़ाने की मांग कर रहे हैं और संभव है कि व्यापारी और उनके बीच में इसे लेकर सहमति बन जाए। ऐसा होता है तो संभव है कि दूध ट्विटर ट्रैंड्स की तरह न बढ़े लेकिन कुछ हद तक तो  परेशान करेंगे ही।

इसके अलावा खबरों की मानें तो आने वाले दिनों में बाजार में जरूरी वस्तुओं की कीमतों में करीब पांच प्रतिशत की बढ़ोत्तरी संभव है। इसका बड़ा कारण माल ढ़ुलाई में लगने वाले खर्च में बढ़ोत्तरी होना है।

(यह लेख देश गांव वेबसाईट से लिया गया है)

Exit mobile version