भोपाल (जोशहोश डेस्क) भारतीय जनता पार्टी में कद-पद की लड़ाई फिर उजागर होती दिख रही है। शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सम्मान कार्यक्रम में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के मंच छोड़ने को सियासी गलियारों में भाजपा की अंतर्कलह से जोड़ा जा रहा है। पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है और कांग्रेस ने भी भाजपा में चल रही उठापटक पर कटाक्ष किया है।
सीएम हाउस में आयोजित पिछड़ा वर्ग सम्मान समारोह में जब पिछड़े वर्ग के अलग-अलग समाजों के अध्यक्ष सीएम शिवराज का सम्मान कर रहे थे तब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा मंच छोड़ कर चलते दिखाई दिए। इस घटनाक्रम के बाद सियासी गलियारों में यह कहा जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव तक भाजपा में कद पद की लड़ाई और भी बढ़ सकती है।
बताया जा रहा है कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को कार्यक्रम में बोलने का मौका भी नहीं मिल सका। कार्यक्रम के अंत में जब सीएम शिवराज का भाषण खत्म हुआ, तो गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंत्री भूपेंद्र सिंह का हाथ पकड़ा और उन्हें सीएम शिवराज के करीब कर चुपचाप जाने लगे। मंत्री रामखेलावन पटेल ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को रोकने का प्रयास भी किया लेकिन वे मंच छोड़कर चले गए।
कांग्रेस ने इस घटनाक्रम को भाजपा की अंतर्कलह से जोड़ा है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया पर लिखा- शिवराज जी के सम्मान में खड़े होने वाले मंत्री अरविंद भदौरिया का कुर्ता खिचने वाले गृह मंत्री को पिछड़ा वर्ग के कार्यक्रम में भाषण का मौक़ा नही मिलने पर वो कार्यक्रम को बीच में छोड़कर चलते बने.. गृह मंत्री की उपेक्षा भाजपा में जारी-
गौरतलब है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बीच रिश्तों में तल्खी नजर आ चुकी है। हाल ही में तेंदूपत्ता संग्राहकों के सम्मेलन में भी जब सीएम शिवराज भाषण देने के लिए माइक की तरफ बढ़ रहे थे तो मंत्री अरविंद भदौरिया उनके सम्मान में ताली बजाने के लिए खड़े हुए। तब उनके पास बैठे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भदौरिया का कुर्ता खींचते हुए उन्हें वापस बैठने के लिए कह दिया था।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे और घटना का वीडियो जमकर वायरल हुआ था। इससे पहले राजधानी भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री शिवराज की मौजूदगी में नरोत्तम मिश्रा अपने लिए मंच पर कुर्सी नहीं होने से नाराज दिखे थे। तब वह मंच के सामने ही कुर्सी लगाकर बैठ गए थे।
खरगोन में हुई सांप्रदायिक घटना के बाद भी सीएम शिवराज सिंह और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा में टकराव देखने को मिला था। रामनवमी पर खरगोन में हुई सांप्रदायिक घटना को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने विभाग के जिन अफसरों को क्लीन चिट दी थी सीएम शिवराज ने उनका तबादला कर दिया था। सीएम शिवराज द्वारा खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी और एएसपी नीरज चौरसिया को हटाया जाना प्रदेश की सियासत में एक बड़ा सन्देश कहा गया था।
भाजपा में चल रही कद पद की लड़ाई में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अहम भूमिका में हैं। जिस तरह सिंधिया का दबदबा सरकार और संगठन में बढ़ा है उससे भी कई दिग्गज भाजपा नेता परेशान बताए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री होने के बाद भी सिंधिया का शिवराज सरकार में दखल और ग्वालियर चम्बल में उनका दबदबा सियासत का नया समीकरण बनाता दिख रहा है।
हाल ही में गुना में पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद ग्वालियर आईजी अनिल शर्मा को भी सीएम शिवराज ने हटा दिया था जबकि कहा जाता है कि अनिल शर्मा को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दबाव के चलते ही ग्वालियर आईजी बनाया गया था। बड़ी बात यह है कि ग्वालियर आईजी के लिए डी. श्रीनिवास वर्मा का आदेश हुआ था, लेकिन अचानक उनके स्थान पर अनिल शर्मा ग्वालियर आईजी बनाये गए थे। अब एक बार फिर शर्मा को हटाकर वर्मा को ग्वालियर आईजी की जिम्मेदारी सौंपना सीएम शिवराज का एक तीर से दो निशाने साधना माना जा रहा है।
शिवराज विरोधी खेमे के कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल और प्रदेश की राजनीति में वापसी कर रहे कैलाश विजयवर्गीय भी भी अपनी ताकत दिखा रहे हैं। कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव तक भाजपा में चल रही कद-पद की लड़ाई थमने की बजाय और तेज हो सकती है।