विरोध दरकनार: बसनिया बांध बनाने वाली कंपनी ही करेगी पर्यावरणीय प्रभाव का आंकलन
विधायक अशोक मर्सकोले द्वारा विधान सभा सत्र में पूछे गए सवाल के जवाब में सामने आई जानकारी
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मंडला के मोहगांव विकासखंड में नर्मदा नदी पर प्रस्तावित बसनिया बांध के निर्माण को लेकर निर्माण कंपनी एफकोन्स हिंदुस्तान मुम्बई और नर्मदा घाटी विकास विभाग के बीच अनुबंध हो गया है। बड़ी बात यह है कि बाँध प्रभावित ग्रामीणों के विरोध के बीच बाँध निर्माण के पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन रिपोर्ट तैयार करने से लेकर उस रिपोर्ट पर पर्यावरणीय जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित कर पर्यावरणीय मंजूरी लेने की जिम्मेदारी भी अनुबंधित एजेंसी की दे दी गई है।
यह जानकारी विधायक अशोक मर्सकोले द्वारा विधान सभा सत्र में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सामने आई है। बसनिया बाँध ग्राम ओढारी विकास खंड जिला मंडला में बनना प्रस्तावित है। इसके निर्माण का ठेका एफकोन्स कम्पनी मुम्बई को मिला है।
विधायक डाक्टर अशोक मर्सकोले द्वारा वर्तमान विधान सभा सत्र में नर्मदा घाटी विकास मंत्री से सवाल पुछा गया था कि नर्मदा घाटी में प्रस्तावित किस – किस परियोजना में आने वाली कितनी आरक्षित वन भूमि एवं कितनी संरक्षित भूमि प्रस्तावित है? इनमें कितने बड़े झाड़, छोटे झाड़ के जंगल मद की जमीन प्रस्तावित है?
प्रश्न के जवाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो नर्मदा घाटी विकास मंत्री भी हैं ने कहा कि निर्माण कार्य हेतु अनुबंधित एजेंसी द्वारा ही वैकल्पिक भूमि के चयन एवं वन भूमि की अनुमति का कार्य किया जाना है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के पत्र दिनांक 14 जनवरी 2015 द्वारा निर्माण कार्यो के अनुबंध में पृथक से कार्य आदेश जारी करने की व्यवस्था समाप्त की गई है अर्थात पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन रिपोर्ट तैयार करने से लेकर उस रिपोर्ट पर पर्यावरणीय जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित कर पर्यावरणीय मंजूरी लेने की जिम्मेदारी अनुबंधित एजेंसी की होगी।
परिशिष्ट में अलग से दी गई जानकारी अनुसार 24 नवंबर 2022 को एफकोन्स हिंदुस्तान मुम्बई और नर्मदा घाटी विकास विभाग के बीच अनुबंध संपादित हो गया है, जिसका अनुबंध संख्या – 01/डीएल/ मंडला है। इस परिशिष्ट के रिमार्क में बताया गया है कि वर्तमान में परियोजना की निर्माण एजेंसी का निर्धारण हो चुका है। विस्तृत सर्वेक्षण पश्चात आवश्यक वन भूमि का निर्धारण संभव होगा।
विभाग के डीपीआर में 2017 हेक्टेयर वन भूमि प्रस्तावित की गई है। दूसरी ओर नर्मदा घाटी विकास विभाग का पत्र दिनांक 6 अगस्त 2021 के अनुसार 2017 में बसनिया बांध की लागत 2782.02 करोङ रुपए थी। जिसे नर्मदा नियंत्रण मंडल की 70 वीं बैठक दिनांक 27 जुलाई 2021 में लिए गए निर्णय के अनुक्रम में बसनिया बांध के लिए राज्य शासन द्वारा अद्यतन प्राकलित लागत 2884.88 करोड़ रुपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
एक अनुमान के मुताबिक इस बांध के बनने से तीन जिलों हरदा, होशंगाबाद और बैतूल के 23 गांव प्रभावित होंगे। इतना ही नहीं लगभग 2371 हेक्टेयर में फैले जंगल भी डूब क्षेत्र में आ जायेंगे। लोगों की भारी तबाही की आशंका को देखते हुए इस बांध का लंबे समय से विरोध हो रहा है। मंडला जिले के निवास से कांग्रेस विधायक डॉक्टर अशोक मर्सकोले इससे पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर बांध का निर्माण रोकने की मांग कर चुके हैं।