MP में शिक्षामंत्री का ‘हिज़ाब बैन’ खारिज, सरकार है या सर्कस मंडली?

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा बोले- राज्य सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं, कांग्रेस ने विवादित मुद्दे पर गैर जिम्मेदाराना बयान पर उठाया सवाल।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) कर्नाटक में चल रहे विवाद के बीच मध्यप्रदेश सरकार ने हिज़ाब पर बैन को लेकर अपने ही शिक्षामंत्री के बयान को खारिज कर दिया है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को साफ़ किया कि राज्य सरकार के पास हिजाब पर बैन का कोई प्रस्ताव नहीं है और प्रदेश में इस पर कोई भ्रम की स्थिति नहीं रहे। इधर विवादित मुद्दे पर गैर जिम्मेदाराना बयान को लेकर कांग्रेस ने शिक्षामंत्री और प्रदेश सरकार पर सवाल उठाया है।

प्रदेश के शिक्षामंत्री इंदर सिंह परमार भी हिजाब को बैन किये जाने के अपने बयान से पलट गए हैं। मंत्री परमार ने कहा कि मेरा बयान स्कूलों में समानता, अनुशासन और पहचान के संदर्भ में था। कुछ लोगों ने मेरी बात को गलत संदर्भ में पेश किया। फिलहाल हम नया यूनिफॉर्म कोड लागू नहीं करेंगे। स्कूलों में जो व्यवस्था चल रही है, वही चलती रहेगी।

दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री प्रभारी मीडिया केके मिश्रा ने स्कूली शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार के बयान और फिर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा द्वारा उसका खंडन किये जाने को गंभीर मामला बताया।

केके मिश्रा ने कहा कि विवादित मुद्दे पर दोनों ही मंत्रियों की अलग-अलग अधिकृत बयानी यह स्पष्ट कर रही है कि प्रदेश में एक निर्वाचित सरकार नहीं, बल्कि सर्कस मंडली काम कर रही है।

केके मिश्रा ने सवाल उठाया कि स्कूल शिक्षा मंत्री ने उक्त प्रायोजित बयानी किसके निर्देश पर की, क्या इसका उद्देश्य उत्तरप्रदेश में हो रहे चुनावों में भाजपा को लाभ पहुंचाना था या मप्र की शांत को चुनौती देते हुए वैमन्स्यता को राजनैतिक स्वरूप देना था? उन्होंने कहा कि यह मामला एक आपराधिक कृत्य होकर माननीय उच्च न्यायालय कर्नाटक की अवमानना से जुड़ा हुआ है। लिहाजा स्कूल शिक्षा मंत्री के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर उन्हें से बर्खास्त किया जाये।

गौरतलब है कि गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मंगलवार को कहा था कि हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगेगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में जो यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया, उसका ही पालन करना चाहिए।

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