भोपाल/ सागर (जोशहोश डेस्क) मप्र प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP TET) में फर्ज़ीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पेपर के वायरल स्क्रीन शॉट न सिर्फ सही थे बल्कि ये स्क्रीन शॉट सागर स्थित ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंसेस सेंटर से जारी हुए थे। यह कॉलेज प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे का है। इस खुलासे के बाद कांग्रेस ने मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के इस्तीफे की मांग की है। वहीं इस बात पर भी निगाहें हैं कि अब इस मामले में मुख्य्मंत्री शिवराज क्या एक्शन लेते हैं?
MP TET-2020 परीक्षा के पेपर के जो स्क्रीन शॉट वायरल हुए थे वही सवाल 25 मार्च 2022 को हुई परीक्षा में पूछे गए थे। इस बात की पुष्टि PEB से हो चुकी है। अब यह सामने आया है कि वायरल हुए स्क्रीन शॉट के प्रश्न सागर के ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंसेस सेंटर के परीक्षार्थी मनोज कुमार पाटिल के प्रश्नपत्र के थे।
ज्ञानवीर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंसेस सेंटर की वेबसाइट पर कॉलेज के चेयरमैन आदित्य राजपूत हैं जो परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे हैं। कॉलेज के प्रशासकीय अधिकारी मनीष जैन के मुताबिक वायरल पर्चे से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। MPTET के लिए साईं एडुकेयर नाम की संस्था ने एग्रीमेंट कर बिल्डिंग किराए पर ली थी। इसलिए कॉलेज की इस सबंध में कोई जिम्मेदारी नहीं है।
कांग्रेस पेपर के स्क्रीन शॉट परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बेटे के कॉलेज से लीक होने के खुलासे के बाद हमलावर है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने मंत्री गोविंद राजपूत को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहले प्रदेश की जनता के मत को बेचकर लोकतंत्र का गला घोंटा था और बेटे के कॉलेज से पेपर लीक कराकर लाखों छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया।
वहीं कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से मंत्री गोविंद राजपूत के इस्तीफे की मांग की गई-
इससे पहले व्यापमं अब प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित MP-TET के 25 मार्च को हुए ऑनलाइन टेस्ट के प्रश्नों के स्क्रीनशॉट्स वायरल हुए थे , यही प्रश्न PEB द्वारा जारी रिस्पॉन्स शीट में दिए गए प्रश्नों से पूरी तरह मिल रहे थे। इसके बाद से पूरी प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गई थी। कांग्रेस ने इसे व्यापमं सीरीज-2 बताते हुए शिवराज सरकार पर सवाल उठाये थे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इसे मध्यप्रदेश में व्यापम पार्ट 2 करार दिया है। कमलनाथ ने कहा है कि व्यापम का नाम जरूर बदल दिया है लेकिन उसमें घोटाले का काम अभी जारी है। वहींप्रदेश कांग्रेस महामंत्री व मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने सवाल उठाया था कि जिस कम्पनी को केंद्र सरकार ने ही अयोग्य माना था,उसे शिक्षक वर्ग-3 परीक्षा कराने का ठेका क्यों मिला, किसने दिलवाया? उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मामले की जांच की मांग भी की है?
गौरतलब है कि ग्वालियर के मदन मोहन दौहरे नाम के परीक्षार्थी ने MP-TET (मध्यप्रदेश टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) ने पेपर लीक का दावा करते हुए परीक्षा में फर्ज़ीवाड़े का आरोप लगाया था। मदन मोहन का कहना था कि जब वह परीक्षा देकर लौट रहा था तब उसने एक व्यक्ति के मोबाइल में MP-TET पूरा पेपर देखा था। मदन मोहन का कहना था कि मोबाइल में उसने जो पेपर देखा वह परीक्षा में आये पेपर से पूरी तरह मिल रहा था जबकि सेंटर से पेपर बाहर लाया ही नहीं जा सकता। मदन मोहन ने मोबाइल में पेपर के स्क्रीनशॉट को सीएम शिवराज सिंह चौहान को टैग कर ट्वीट कर सवाल भी उठाये थे। उसने लिखा था कि- यह क्या हो रहा है? क्या इसी प्रकार सभी परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा होता रहेगा। बेरोजगारों की प्रतिभा का ऐसे ही हनन होता रहेगा।