कलेक्टर का आदेश बेअसर, किसानों से धोखाधड़ी करने वाले कर्मचारियों पर अब तक नहीं हुई FIR
आगर-मालवा में किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले सहकारी कर्मचारियों पर अब तक एफआईआर नहीं हुई है।
Ayushi Jain
भोपाल (जोशहोश डेस्क) आगर-मालवा में किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले सहकारी कर्मचारियों पर अब तक एफआईआर नहीं हुई है। 5 साल पहले 13 किसानों के नाम से फर्जी तरीके से ऋण बताकर वित्तीय अनियमितता करने वाले प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित कसाई देहरिया के संस्था प्रबंधक सहित अन्य दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर कराए जाने के 17 मार्च 2020 को कलेक्टर ने आदेश जारी किया था, पर अब तक इन पर एफआईआर नहीं करवाई गई है।
कृषकों की शिकायत के बाद कलेक्टर द्वारा करवाई गई जांच में तब अनुविभागीय अधिकारी राजस्व आगर-बड़ौद श्री महेंद्र सिंह कचवे और जिला कोषालय अधिकारी श्री तरुण त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में यह स्पष्ट हो जाने के बाद कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित कसाई देहरिया के संस्था प्रबंधक और अन्य अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा कृषकों के साथ धोखाधड़ी कर वित्तीय अनियमितता की गई है।
दरअसल संस्था प्रबंधक की मिलीभगत से 13 किसानों के नाम से यह पूरी वित्तीय अनियमितता की गई। ग्राम पचोरा के 6 ऐसे किसान जिनका सोसायटी में खाता ही नहीं था, इनके साथ साथ 7 वे किसान जो सोसायटी के खाताधारक हैं जिनके नाम से फर्जी ढंग से राशि का आहरण कर लिया गया जबकि इनमें से ही कुछ के नाम का ऋण जमा हो जाने या स्वीकृत ऋण से अधिक की राशि दर्ज कर उसका भी आहरण फर्जी बाउचर से कर लिया गया। कुछ कृषकों को ऋण जमा होने के बावजूद बकाया होने और कुछ को खाता न होने के बाद भी ऋणधारक होने की जानकारी मिलने पर उन्होंने कलेक्टर को शिकायत की।
जब तत्कालीन कलेक्टर श्री संजय कुमार ने दो सदस्यीय दल बनाकर जांच करवाई तो सामने आया कि शिकायतकर्ताओं की शिकायत सही है। किसान बने सिंह, राजाराम, श्यामलाल, रेशमबाई, रामकुंवर बाई और सुगन बाई इन सभी के नाम सोसायटी के रिकार्ड में नहीं है लेकिन फिर भी इनके नाम ऋण दर्ज है जिसका आहरण भी हुआ है। इसी तरह किसान गिरधारी, फारूक, रुघनाथ, हरिसिंह, इलियासउद्दीन, रूगनाथ, हरिसिंह के नाम दर्ज जमीन के रकबे से अधिक जमीन और ऋण बताया जाकर इसका भी आहरण हुआ है।
मामले में सभी बातें और वित्तीय अनियमितता स्पष्ट होने के बाद कलेक्टर आगर मालवा ने 17 मार्च 2020 को उपायुक्त सहकारिता आगर मालवा को आदेश जारी कर निर्देशित किया था कि जांच प्रतिवेदन के आधार पर सम्बन्धित प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था मर्यादित कसाई देहरिया के संस्था प्रबंधक एवं अन्य दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों में सहकारी बैंक के सुपरवाइजर एवं शाखा प्रबंधक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाकर संस्था का पूर्ण अंकेक्षण करवाकर 30 दिनों में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।
कलेक्टर के आदेश को साल पूरा होने को है लेकिन इस दिशा में विभाग एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाले और वित्तीय अनियमितता करने वालों को खुद विभाग ही बचा रहा है। अब 15/1/2021 को उज्जैन के संभागीय संयुक्त आयुक्त के द्वारा संबंधित शाखा प्रबंधक,पर्यवेक्षक और समिति प्रबंधक के विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।