शिवराज का ऐलान-OBC आरक्षण के साथ ही पंचायत चुनाव, कमलनाथ बोले-सच की जीत

विधानसभा में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले में कांग्रेस के स्थगन प्रस्ताव पर बहस, दोनों दलों का ओबीसी आरक्षण पर राजनीति का आरोप।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) प्रदेश में पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही होंगे। इसके लिए सरकार कोर्ट जाएगी। विधानसभा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस द्वारा लाये स्थगन प्रस्ताव पर बहस के दौरान ये ऐलान किया। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इसे सच की जीत बताते हुए कहा कि आख़िरकार सरकार ने हमारी माँग मानी।

मंगलवार को विधानसभा में पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मामले में कांग्रेस ने चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव दिया था। जिस पर बहस के दौरान दोनों ही दलों ने एक दूसरे पर ओबीसी आरक्षण पर राजनीति करने का आरोप लगाया।

सदन में मुख्य्मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समय कांग्रेस के विद्वान अधिवक्ता न्यायालय में ही थे। तब उन्होंने अपनी याचिका वापस लेने की बात नहीं क्यों की? हम जो अध्यादेश लाए थे वह नियम कानूनों के तहत था। वहीं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने स्थगन प्रस्ताव पर पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में शिवराज सरकार के उस अध्यादेश के खिलाफ गया था, जिसमें रोटेशन और परिसीमन को निरस्त कर दिया था।

कमलनाथ ने शिवराज के एलान के बाद ट्वीट कर कहा कि यह ओबीसी वर्ग की जीत है, उनके संघर्ष की जीत है, इसका पूरा श्रेय मै ओबीसी वर्ग को देना चाहता हूँ। साथ ही मै सरकार को हमारी यह माँग मानने के लिये धन्यवाद भी देता हूँ। वैसे भी यह विषय राजनीति का नही था लेकिन जानबूझकर झूठ परोसकर इसे राजनीति का विषय बनाया जा रहा था लेकिन आज सच की जीत हुई है

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही ओबीसी वर्ग की हितैषी पार्टी रही है, हमने सदैव ही इस वर्ग के हित व कल्याण के लिये लड़ाई लड़ी है, इस वर्ग के हित में कांग्रेस की सरकारों ने कई जनहितैषी निर्णय लिये है। हमारी सरकार ने ही 8 मार्च 2019 को नौकरियो में ओबीसी वर्ग के आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। जब सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को समाप्त करने का निर्णय लिया था , तब भी हमने चिंता जताते हुए सरकार से माँग की थी कि सरकार इस निर्णय को लेकर पुनर्विचार याचिका न्यायालय में लगाये , बग़ैर ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में पंचायत चुनाव ना हो। सरकार की चुप्पी पर भी हमने सवाल उठाये थे। हमने विधायक दल की बैठक में भी यह प्रस्ताव पारित किया था। हमने आज सदन में भी कांग्रेस पार्टी की ओर से रखे स्थगन प्रस्ताव के माध्यम से भी ही यही बात रखी और सरकार से फिर आग्रह किया कि इस निर्णय को लेकर सरकार सुप्रीम कोर्ट जाये, हम सरकार के साथ खड़े है और बग़ैर ओबीसी आरक्षण के प्रदेश में पंचायत चुनाव ना हो, यह सुनिश्चित किया जावे।

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