गर्भवती को 3 KM खटिया पर ले जाना पड़ा, देरी से गर्भ में ही बच्चे की मौत
गर्भवती को सड़क न होने के कारण तीन किलोमीटर दूर खड़ी एम्बुलेंस तक ले जाने में हुई देरी उसके गर्भ में बच्चे की मौत का कारन बन गई।
Ashok Chaturvedi
मंडला (जोशहोश डेस्क) मध्यप्रदेश के ग्रामीण इलाकों में सरकारी सुविधाओं की कलई एक बार फिर खुल गई। गाँव तक सड़क न होना एक गर्भवती को ज़िंदगी भर का दर्द दे गया। प्रसव पीड़ा के बाद गर्भवती को सड़क न होने के कारण तीन किलोमीटर दूर खड़ी एम्बुलेंस तक ले जाने में हुई देरी उसके गर्भ में बच्चे की मौत का कारण बन गई। मामला मंडला के बेहरा टोला गांव का है।
टोला गांव की सुनिया मरकाम को प्रसव पी़ड़ा होने पर उसके परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन लगाया। स़ड़क नहीं होने से एंबुलेंस गांव तक नहीं आ सकी जिसके बाद सुनिया को खटिया पर लेकर परिजन तीन किलोमीटर चलकर एम्बुलेंस तक पहुंचे। इसके बाद सुनिया को जिला अस्पताल पहुंचाया गया।
यहाँ तक पहुँचने में हुई देरी से सुनिया की हालत गंभीर हो गई। जिला अस्पताल से उसे जबलपुर रेफर किया गया, जहां सुनिया की डिलीवरी तो हुई, लेकिन बच्चा मृत पैदा हुआ। गर्भवती सुनिया के एक परिजन ने उसे खाट पर ले जाते हुए वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट कर दिया। अब यह वीडियो वायरल हो रहा है।
इस मामले को लेकर डिंडोरी विधायक और मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष ओमकार सिंह मरकाम ने भाजपा सरकार के विकास पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 6 बार से मंडला जिले में भाजपा के सांसद है ,पिछले 18 वर्ष से प्रदेश में भाजपा की सरकार है। उसके बावजूद भी मंडला जिले का विकास नहीं हो पाया। जिस कारण आज एक गर्भवती महिला की कोख उजड़ गई।
वहीं सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उस दावे पर भी कटाक्ष किए गए जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश की सडकों की तुलना अमेरिका की सड़कों से की थी-
बताया जा रहा है कि बेहरा टोला गांव पहाड़ के ऊपर है। खड़ी चढ़ाई होने के कारण गाँव तक वाहन पहुंचना कठिन होता है। इसका खामियाजा अब सुनिया की ज़िंदगी में सबसे बड़े दुःख के रूप में दर्ज़ हो गया है।