सीधी बस हादसा: परिवहन विभाग की काली कमाई पर फिर लड़ाई, टारगेट पर सिंधिया

सीधी बस हादसे के बाद गैर जिम्मेदार परिवहन विभाग की कार्यशैली में सुधार की बजाए उस पर कब्जे की जंग फिर शुरू हो गई है। इस जंग में निशाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ही दिख रहे हैं।

भोपाल (जोशहोश डेस्क) सीधी बस हादसे के बाद परिवहन विभाग फिर चर्चाओं में हैं। हादसे के दिन परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत की डिनर के दौरान मुस्कुराते हुए तस्वीर वायरल हुई थी।अब परिवहन आयुक्त मुकेश जैन मीडिया की सुर्खियों में हैं। लग ये रहा है कि सीधी बस हादसे के बाद गैर जिम्मेदार परिवहन विभाग की कार्यशैली में सुधार की बजाए उस पर कब्जे की जंग फिर शुरू हो गई है। इस जंग में निशाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ही दिख रहे हैं।

सड़क हादसे को लेकर परिवहन विभाग की लापरवाही से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन जिस तरह से पहले परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और अब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मुकेश जैन के खिलाफ खबरें मीडिया में आ रही हैं उससे ऐसा लगता है कि शिवराज सरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से परिवहन विभाग वापस लेना चाहती है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)

शुरू से ही परिवहन विभाग को लेकर शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच में खींचातानी थी। यही कारण था कि सिंधिया के दलबदल करने के बाद से ही सबसे पहले गोविंद सिंह राजपूत ने परिवहन खेमा लिया था लेकिन उपचुनाव में जीत जाने के बाद गोविंद सिंह राजपूत को कई दिनों तक परिवहन मंत्री दोबारा नहीं बनाया गया। परिवहन विभाग का दायित्व दिलाने के लिए खुद सिंधिया को कई बार भोपाल आना पड़ा था।

दरअसल हर नेता परिवहन विभाग को अपने पास रखना चाहता है क्योंकि यही एकमात्र विभाग है जहां रोज की काली कमाई बिना किसी हिसाब किताब के होती है। ऐसा कहा जाता है कि हर महीने परिवहन आयुक्त 16 करोड़ से ज्यादा रुपए पार्टी फंड के नाम पर देता है। इसके अलावा परिवहन आयुक्त नियमित रूप से सरकार के विभिन्न कार्यालयों मीडिया और नेताओं के बीच इस काली कमाई की बंदरबांट करता है।

समस्या की जड़ यही काली कमाई है। इस पर हर कोई नियंत्रण रखना चाहता है। सामान्य रूप से मुख्यमंत्री का सबसे पसंदीदा मंत्री और अधिकारी ही इस विभाग का प्रमुख होता है लेकिन दल बदल के बाद सिंधिया ने लगातार इस विभाग को अपने कब्जे में रखा है।

सीधी बस हादसे के बाद सिंधिया गुट के मंत्री गोविंद राजपूत पर इस्तीफे का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में सीधी बस हादसा नैतिकता के नाम पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के सबसे मजबूत मंत्री और विभाग को कमजोर करने का बड़ा मौका भी साबित हो सकता है।

इधर सीधी बस हादसे के बाद परिवहन विभाग सक्रिय हुआ है। परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने स्वयं अमले के साथ भोपाल होशंगाबाद रोड पर वाहनों की चेकिंग की। उन्होंने कहा कि अब यह अभियान लगातार जारी रहेगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे के बाद सीधी आरटीओ, मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम के मैनेजर, एडिशनल जनरल मैनेजर को सस्पेंड कर दिया है। वहीं हादसे के बाद भी भी पूरे प्रदेश में ओवरलोड वाहनों को दौड़ते देखा जा रहा है।

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