पहली बार महल छोड़ सड़क पर पैदल दिखीं प्रियदर्शनी राजे, सियासी एंट्री का संकेत?
शाही महल जयविलास पैलेस से निकलकर पैदल ही सड़कों पर दिखीं प्रियदर्शनी राजे
Ashok Chaturvedi
ग्वालियर (जोशहोश डेस्क) गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव के बाद अब मध्यप्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के समीकरणों पर निगाह टिक गई है। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे के शनिवार सुबह अचानक जय विलास पैलेस से निकलकर सड़कों पर दिखने को भी प्रदेश की सियासत से जोड़ा जा रहा है। कहा यहाँ तक जा रहा है कि महारानी प्रियदर्शनी राजे ने सियासी एंट्री की ओर कदम बढ़ा दिया है।
दरअसल प्रियदर्शनी राजे सुबह अचानक अपने शाही महल जयविलास पैलेस से निकलकर पैदल ही सड़कों पर दिखीं। वे महल से लगभग एक किलोमीटर दूर कैंसर पहाड़ी पर स्थित प्राचीन मांडरे की माता मंदिर पहुंची। इस दौरान उन्होंने जनता से संवाद किया और कैंसर पहाड़ी का नाम बदलने की बात कर सुझाव भी मांगे।
प्रियदर्शनी राजे ने कहा कि कैंसर का नाम सुनकर ही डर लगता है। इसलिए पहाड़ी का नाम बदलना चाहिए। इसके लिए हम सबको प्रयास करना चाहिए। हम लोग पहल करेंगे तो नए नाम को लोकप्रियता मिल जाएगी। यह पहली बार है जब लोगों ने प्रियदर्शनी राजे सड़कों पर चलते देखा। इस दौरान कई मीडियाकर्मी भी मौजूद रहे।
प्रियदर्शनी राजे ने आगे जो कहा वो काफी दिलचस्प है। उन्होंने कहा कि मैं यहां की बहू हूं। मुझे यहीं रहना है, और सबके साथ ग्वालियर को स्वच्छ, विकसित और अच्छा बनाने का प्रयास करना है। इसके बाद ये कयास लगाए जाने लगे कि प्रियदर्शनी राजे ने महल से निकल सड़क पर आकर अब ग्वालियर से अपनी सियासी एंट्री के संकेत दे दिए हैं।
प्रियदर्शनी राजे इससे पहले सामाजिक कार्यक्रमों में सहभागिता करती रही हैं लेकिन यह पहली बार ही है जब उन्होंने ग्वालियर और ग्वालियर की जनता से जुड़े मुद्दे पर मीडिया के सामने बात की है। पाला बदलने से पहले जब ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना शिवपुरी से चुनाव लड़ रहे थे, तब प्रियदर्शनी राजे ने उनके पक्ष में प्रचार किया था। उस समय चुनावी मंचों पर सिंधिया को जिताने की अपील करते प्रियदर्शनी राजे को देखा गया था। देखना यह है कि महल से सड़क पर उतरीं प्रियदर्शनी राजे अब क्या ग्वालियर के सियासी मैदान में भी उतरती हैं या नहीं? फिलहाल तो एक सामाजिक पहल कर वे सियासी सुर्खियों में आ चुकी हैं।