खरगोन: क्या बुलडोजर की आड़ में नाकामियों पर पर्दा डाल रही सरकार?
खरगोन में आरोपियों के मकानों-दुकानों पर चली जेसीबी, सरकार की नाकामी पर भी उठ रहे सवाल।
Ashok Chaturvedi
खरगोन/ भोपाल (जोशहोश डेस्क) रामनवमी के मौके पर हिंसा की चपेट में आए खरगोन में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। सरकार ने आरोपियों को चिन्हित करने का दावा किया है। साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आदेश के बाद आरोपियों के मकानों और दुकानों पर बुल्डोजर चलाए जाने की कार्रवाई भी की जा रही है। वहीं पूरी घटना को लेकर सरकार की नाकामी पर सवाल भी उठ रहे हैं।
सोमवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में खरगोन के मोहन टॉकीज इलाके में दंगाइयों की दुकानों और मकानों को तोडने की कार्रवाई शुरू कर दी गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार सुबह ही बताया था कि दंगाइयों को चिन्हित कर लिया गया है और उन पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
खरगोन में हुई हिंसा को लेकर प्रदेश सरकार पर सवाल भी उठ रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने पूरी घटना को सरकार के ख़ुफ़िया तंत्र की नाकामी बताया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक छह से ज्यादा स्थानों पर पथराव की घटना हुई यहां तक कि घरों पर पहले से ही पत्थर जमा होने की बात भी सामने आई है लेकिन पुलिस को कानों कान इस बात की भनक तक नहीं लगी।
यह बात भी सामने आ रही है कि शोभायात्रा के दौरान तैनात पुलिस बल भी अपर्याप्त था। यहां तक कि हिंसा के दौरान जब जनप्रतिनिधियों ने प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए कलेक्टर से मदद मांगी तो कलेक्टर ने इंदौर से फोर्स आने के बाद ही मौके पर जाने की बात कही। इससे स्पष्ट है कि स्थानीय प्रशासन के पास किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने की तैयारी ही नहीं थी। इस लापरवाही पर अब तक किसी भी जिम्मेदार पर कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है।
वहीं अब प्रशासन आरोपियों के घर और दुकानों पर बुलडोजर चला रहा है। सरकार की इस कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं। कार्रवाई की एक रिपोर्ट को शेयर कर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी सवाल उठाया। उन्होंने लिखा कि बिना जॉंच के हर किसी को दोषी करार कर उसको सजा देना कहॉं तक उचित है? वहीं कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा कि सरकार को किसी भी दंगाई को बख्शना नहीं चाहिए लेकिन सरकार को अपनी नाकामी को भी स्वीकार करना चाहिए।