CM शिवराज के सामने ही एक्सपोज़, अपराधियों पर BJP की कथनी-करनी?
सेक्स रैकेट केस में 3 साल की सजा पा चुके रामकृष्ण पटेल भाजपा में शामिल
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) BJP की कथनी और करनी पर सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठना लाजिमी भी है क्योंकि अपराध और अपराधियों को लेकर भाजपा ने जो कहा और किया उसमे जबर्दस्त विरोधाभास नज़र आ रहा है। मामला भाजपा में आपराधिक रिकॉर्ड के व्यक्तियों की एंट्री से जुड़ा है।
दरअसल हरदा के रामकृष्ण पटेल मंगलवार CM हाउस में भाजपा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कृषि मंत्री पटेल ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। रामकृष्ण पटेल को कोर्ट सेक्स रैकेट केस में 3 साल की सजा दे चुकी है। इसके बाद भी CM शिवराज ने रामकृष्ण पटेल को पार्टी में धूमधाम से शामिल कराया।
बड़ी बात यह है कि हाल ही में BJP ने पार्टी में जॉइनिंग से पहले नेताओं, कार्यकर्ताओं की स्क्रीनिंग के लिए न्यू जॉइनिंग टोली बनाई है। गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और कृषि मंत्री कमल पटेल की मौजूदगी में मंगलवार को इस टोली की पहली बैठक हुई थी। बैठक में तय हुआ था कि पार्टी में शामिल कराने से पहले शामिल होने वाले का आपराधिक रिकॉर्ड भी देखा जाएगा।
बड़ी बात यह है कि बैठक में कृषि मंत्री कमल पटेल ने हे कहा था कि कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि वालों के लिए भाजपा में कोई जगह नहीं है जबकि बैठक के बाद कृषि मंत्री ने खुद रामकृष्ण पटेल को अपने साथ CM हाउस ले जाकर BJP की सदस्यता दिलाई।
इस घटनाक्रम को लेकर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया डिपार्टमेंट के चेयरमैन केके मिश्रा ने भाजपा की कथनी और करनी पर कटाक्ष किया
उन्होंने लिखा कृषि मंत्री कमल पटेल जी,आपको बलात्कार के आरोप में 3 साल के सजायाफ्ता को एक बार फिर भाजपा में शामिल कर अपना कुनबा बढ़ाने के लिए आभार….!! आपने इन्हें उन मुख्यमंत्री शिवराज जी का भी आज आशीष दिलवा दिया,जो बेटी बचाओ अभियान चलवाते हैं??अब इन्हीं से बेटियों को बचाएं…!।
रामकृष्ण पटेल हरदा से पूर्व कांग्रेस विधायक नन्हे सिंह पटेल के बेटे हैं। हरदा कृषि मंत्री का गृह क्षेत्र भी है। भोपाल अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने 18 दिसंबर 2017 को रामकृष्ण पटेल को 3 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने उन्हें स्त्रियों और बालक के संबंध में अनैतिक व्यापार दमन अधिनियम 1956 के अंतर्गत दोषी माना था। तब रामकृष्ण पटेल हरदा जिले की ग्राम पंचायत रन्हाई से सरपंच थे। उन्हें निर्विरोध चुना गया था। सजा होने के बाद 2018 में उन्हें सरपंच पद से निलंबित कर दिया गया था।