डॉ.राकेश पाठक की पुस्तक ‘सिंधिया और 1857’ का विमोचन 29 अक्टूबर को भोपाल में
प्रतिष्ठित इतिहासकार डॉ. राम पुनियानी होंगे विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि
Ashok Chaturvedi
भोपाल (जोशहोश डेस्क) वरिष्ठ पत्रकार, कवि और लेखक डॉ. राकेश पाठक की पुस्तक ‘सिंधिया और 1857’ का विमोचन आगामी 29 अक्टूबर होगा। विमोचन कार्यक्रम प्रतिष्ठित इतिहासकार डॉ. राम पुनियानी के मुख्य आतिथ्य में होगा।
राजधानी के होटल पलाश में शाम साढ़े चार बजे आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री से विभूषित मूर्धन्य संपादक विजयदत्त श्रीधर करेंगे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में आनंदवर्धन सिंह (प्रधान संपादक, द पब्लिक इंडिया न्यूज चैनल), अशोक कुमार पांडे (प्रसिद्ध इतिहासविद), शीबा असलम फहमी (प्रतिष्ठित पत्रकार) और सरदार दया सिंह (अध्यक्ष आल इंडिया पीस मिशन) उपस्थित रहेंगे।
डॉ. राकेश पाठक की यह पुस्तक ‘सिंधिया और 1857’ सेतु प्रकाशन समूह से प्रकाशित हो रही है। इससे पूर्व डॉ. पाठक की तीन पुस्तकें काली चिड़ियों के देश में (यूरोप का यात्रा वृतांत), बसंत के पहले दिन से पहले (कविता संग्रह) और मप्र की स्वातंत्रोत्तर हिंदी पत्रकारिता का इतिहास (शोध पुस्तक) प्रकाशित हो चुकी हैं।
डॉ. राकेश पाठक ने अपनी इस पुस्तक में झाँसी के नेवालकर और ग्वालियर के सिंधिया के रिश्तों की गहरी ऐतिहासिक पड़ताल करते हुए उन सूत्रों की तलाश की है जिनकी वजह से जयाजीराव सिंधिया और रानी लक्ष्मीबाई का कोई साझा मोर्चा बन पाना सम्भव नहीं था। डॉ. राकेश पाठक ने उस समय के गजेटियर तथा अन्य दस्तावेजों की सहायता से न सिर्फ़ उस दौर के देसी राजाओं की राजनीति का खुलासा किया है अपितु अँग्रेज़ों की कूटनीति का भी पर्दाफाश किया है। सिंधिया परिवार और नेवालकर वंश की भीतरी राजनीति की विवेचना के बाद पुस्तक इस तथ्य को भी सामने लाती है कि अपने विशेषाधिकारों और अपनी सत्ताओं को बचाना ज्यादातर रियासतों का पहला और अन्तिम उद्देश्य था और 1857 में उनमें से ज्यादातर के हस्तक्षेप इसी स्वार्थपूर्ण उद्देश्य से संचालित हुए थे।