मुरैना के दिहाड़ी मजदूर पिता के जज्बे को सलाम, तीनों बेटों को बनाया पायलट
दिहाड़ी मजदूरी रहे अमृतलाल सिंह ने तीनों बेटों को बनाया कॉमर्शियल पायलट।
Ashok Chaturvedi
तीनों बेटों के साथ अमृतलाल सिंह (फोटो-नवभारत टाइम्स से साभार)
भोपाल (जोशहोश डेस्क) मुरैना जिले के अमृतलाल सिंह खुद भले ही दिहाड़ी मजदूर रहे हों लेकिन उन्होंने अपने तीन बेटों का आसमान में उड़ने के काबिल बना दिया। केवल 10वी पास अमृतलाल ने अपने सपने को साकार करने जी तोड़ मेहनत की, जमीन गिरवी रखी, लोन लिया लेकिन अपने तीन बेटों को पायलट बना दिया। अमृतलाल अब अपने पायलट बेटे के साथ भोपाल शिफ्ट हो गए हैं।
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दिहाड़ी मजदूरी रहे अमृतलाल के तीनों बेटे कॉमर्शियल पायलट हैं। तीन बेटों को पायलट बनाने के लिए अमृतलाल ने सब कुर्बान कर दिया। जमीन का छोटा टुकड़ा भी साहूकार के पास गिरवी है। परिवार एजुकेशन लोन और पढ़ाई के लिए उधार के भारी कर्ज में है। अमृतलाल के संघर्ष का सुखद परिणाम ये है कि अब उनके बेटे परिवार को क़र्ज़ से उबारने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले चुके हैं।
कैप्टन अजय सिंह अपने पिता के संघर्ष को याद कर बताते है कि जब हम केंद्रीय विद्यालय में पढ़ते थे तो उस दौरान परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी पापा के पास फीस के लिए पैसे नहीं होते थे। ऐसे में घर के पास चल रही एक कंस्ट्रक्शन साइट पापा बिना बताए हमारे लिए मजदूरी करते रहे। पापा का शुरू से ही सपना था कि हमारे तीनों बेटे पायलट बनें और उन्होंने इसे साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
कैप्टन अजय ने साल 2016 में इंडियन एयरफोर्स के साथ मिलकर कुछ प्रोजेक्ट्स भी किए हैं। वे डीजीसीए के डीजीसीए अप्रूव्ड ड्रोन इंस्ट्रक्टर हैं। कैप्टन अजय के दूसरे भाई विजय सिंह जॉब में हैं। वहीं, तीसरे भाई दीपक कुमार अभी पायलट की ट्रेनिंग ले रहे हैं। जबकि कैप्टन अजय के पिता अमृतलाल 10वीं पास हैं। उन्होंने 1996 में दसवीं पास की है।
अमृतलाल के सबसे बड़े 28 वर्षीय बेटे कैप्टन अजय सिंह पांच साल से एक DIY सिम्युलेटर पर काम कर रहे हैं। लॉकडाउन में फ्लाइट बंद होने को कैप्टन अजय सिंह ने आपदा में अवसर मान पूरी उर्जा सिम्युलेटर कॉकपिट को समर्पित कर दी। कैप्टन अजय ने अपने घर में जो फ्लाइट सिम्युलेटर बनाया है,वह बेहद किफायती भी है।
फ्लाइंग क्लब ऐसे सिम्युलेटर एक करोड़ रुपये प्रति यूनिट से अधिक के हिसाब से खरीदते थे जबकि कैप्टन अजय सिंह ने इसे 22-25 लाख रुपये की लागत में तैयार किया है। अजय सिंह के मुताबिक एक महीने सिम्युलेटर को तैयार होने में और लगेगा। इसके बाद वे मंजूरी के लिए ले जाएंगे। अजय ने कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत के सपने की दिशा में मेरा योगदान है। उनका अगला प्रोजेक्ट भारत का पहला ड्रोन सिम्युलेटर होगा।